Up kiran,Digital Desk : बिहार की सुरक्षा अब और भी मजबूत होने वाली है. शनिवार का दिन राज्य के लिए एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया, जब राजगीर के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर से 1218 नए सब-इंस्पेक्टर (दरोगा) देश की सेवा के लिए निकले. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पासिंग आउट परेड की सलामी लेकर इन युवा अफसरों का हौसला बढ़ाया.
इस बार की ट्रेनिंग क्यों है खास?
2023 बैच के इन अफसरों को सिर्फ लाठी चलाना और दौड़ना ही नहीं सिखाया गया है, बल्कि उन्हें आज के जमाने के अपराधों से लड़ने के लिए भी तैयार किया गया है. पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के डायरेक्टर ने बताया कि इन जवानों को ऐसी ट्रेनिंग दी गई है, जिससे वे हर चुनौती का सामना कर सकें.
- साइबर एक्सपर्ट: आजकल सबसे ज्यादा ठगी ऑनलाइन होती है. इसलिए इन नए दरोगाओं को साइबर क्राइम, ATM फ्रॉड और बैंक धोखाधड़ी जैसे मामलों की जांच करने की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है.
- आधुनिक हथियारों के उस्ताद: उन्हें नए जमाने के हथियार चलाने में माहिर बनाया गया है.
- तन और मन से फिट: ट्रेनिंग में घुड़सवारी, साइकिलिंग से लेकर योग तक शामिल था, ताकि ये अफसर शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहें.
- कानून के जानकार: उन्हें कानून की बारीकियों को भी गहराई से समझाया गया है.
ये बैच है समावेशिता की मिसाल
- 779 पुरुष
- 436 महिलाएं
- 3 ट्रांसजेंडर अधिकारी शामिल हैं.
यह दिखाता है कि बिहार पुलिस अब बदल रही है और सबको साथ लेकर चल रही है. इसके अलावा, 23 दरोगा खेल कोटे से भी आए हैं, जो पुलिस फोर्स को और भी फिट और अनुशासित बनाएंगे.
अब बिहार में क्या बदलेगा?
बिहार के कई जिलों में लंबे समय से दरोगाओं की कमी महसूस की जा रही थी. अब इन नए अफसरों की तैनाती से थानों में काम का बोझ कम होगा और मामलों की जांच में तेजी आएगी. खासकर साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन ठगी जैसे मामलों से निपटने में बड़ी मदद मिलेगी, क्योंकि यह बैच इसकी स्पेशल ट्रेनिंग लेकर आया है.
परेड के दौरान जिन अफसरों ने ट्रेनिंग में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, उन्हें मुख्यमंत्री ने खुद सम्मानित भी किया. यह देखकर बाकी जवानों का भी हौसला बुलंद हुआ. उम्मीद है कि ये नए और जोशीले अफसर बिहार की कानून-व्यवस्था को और भी बेहतर बनाएंगे
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