Up Kiran, Digital Desk: शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के साथ कई लोग व्रत रखते हैं। इस दौरान फलाहारी भोजन खासतौर पर पसंद किया जाता है, जिसमें साबूदाना की डिशेज़ का विशेष स्थान होता है। खिचड़ी, वड़ा, खीर समेत कई व्यंजन बनाने में साबूदाना का इस्तेमाल आम है। पोषण की दृष्टि से साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मैग्नीशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं, लेकिन हर किसी के लिए यह सेहतमंद नहीं माना जा सकता।
पाचन संबंधी दिक्कतों वाले रहें सावधान
जो लोग पाचन से जुड़ी दिक्कतों से जूझ रहे हैं, उनके लिए साबूदाना नुकसानदेह हो सकता है। इसमें मौजूद जिंक की मात्रा पेट में गैस और सूजन बढ़ा सकती है। साथ ही कब्ज, पेट दर्द, मतली और उल्टी जैसी शिकायतें हो सकती हैं। ज्यादा फाइबर की वजह से यह कब्ज की समस्या को बढ़ावा देता है। इसलिए पाचन समस्या वालों को साबूदाना कम या बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
डायबिटीज मरीजों के लिए जोखिम
डायबिटीज से प्रभावित लोग साबूदाना खाने से बचें। इसमें पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट से ब्लड शुगर स्तर तेजी से बढ़ सकता है। अगर ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं है, तो साबूदाना का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए हानिकारक
ब्लड प्रेशर कम रहने वाले लोग साबूदाना लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसमें पोटैशियम की अधिकता होती है, जो बीपी को और नीचे ले जा सकती है। खासकर अगर आप बीपी की दवाइयां ले रहे हैं, तो सावधानी जरूरी है।
किडनी के मरीजों के लिए विशेष चेतावनी
किडनी की समस्या जैसे किडनी स्टोन वाले साबूदाना से दूर रहें। इसमें कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जो पथरी जैसी किडनी की परेशानियों को बढ़ा सकती है। इसलिए किडनी संबंधी रोगी साबूदाना से बचना ही बेहतर होगा।
मोटापे और वजन नियंत्रित करने वालों के लिए सलाह
जो लोग मोटापे से जूझ रहे हैं या वजन घटाने की कोशिश में हैं, उनके लिए साबूदाना ठीक विकल्प नहीं है। इसमें कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट दोनों अधिक मात्रा में होते हैं, जो वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। नवरात्रि में व्रत के दौरान वजन को ध्यान में रखते हुए साबूदाना का सेवन सीमित करें।
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