Up Kiran, Digital Desk: हमारे शरीर का लिवर एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो न केवल खून को शुद्ध करता है बल्कि ऊर्जा भी संग्रहित करता है और शरीर से हानिकारक तत्वों को निकालने में मदद करता है। लेकिन जब बात शराब की आती है, तो लिवर पर इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं। खासकर अगर शराब का सेवन अनियंत्रित और लगातार हो, तो यह हमारे लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
शराब जब शरीर में जाती है, तो लिवर इसे तोड़ने का काम करता है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ विषैले पदार्थ बनते हैं जो लिवर की कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं। यदि आप रोजाना अत्यधिक मात्रा में शराब पीते हैं, तो ये जहरीले तत्व लिवर के लिए खतरा बन जाते हैं और धीरे-धीरे उसकी कार्यक्षमता को कम कर देते हैं।
अत्यधिक शराब पीने से जो सबसे सामान्य बीमारी होती है, उसे एल्कोहॉल-रिलेटेड लिवर डिजीज (ARLD) कहा जाता है। यह बीमारी तीन चरणों में विकसित होती है। सबसे पहले लिवर में फैटी बदलाव होते हैं, जिससे लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है। यह स्थिति, जिसे फैटी लिवर कहते हैं, केवल कुछ हफ्तों तक भारी शराब पीने से भी हो सकती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि यदि आप इस स्तर पर शराब छोड़ दें, तो लिवर अपनी सेहत को फिर से बहाल कर सकता है।
दूसरा चरण एल्कोहॉलिक हेपेटाइटिस का होता है, जिसमें लिवर में सूजन विकसित हो जाती है। इसके साथ थकान, उल्टी, भूख में कमी और त्वचा एवं आंखों का पीला पड़ना जैसे लक्षण सामने आते हैं। अगर इस स्थिति का समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है।
अंतिम और सबसे गंभीर चरण सिरोसिस का होता है। इसमें लिवर का सामान्य ऊतक खत्म होकर कठोर और घना ऊतक बन जाता है, जिससे लिवर पूरी तरह से अपनी कार्यप्रणाली खो बैठता है। इस स्थिति में लिवर की कोशिकाएं पुनः ठीक नहीं हो पातीं और अक्सर ही लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
यदि आपको आंखों या त्वचा का रंग पीला दिखे, पेट में सूजन या दर्द हो, भूख कम लगे, वजन अचानक घटने लगे, हथेलियां लाल हों या अधिक थकावट महसूस हो, तो इन संकेतों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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