Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव अब अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गया है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लगातार हमलों से तंग आकर पाकिस्तान का सब्र अब जवाब दे गया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अब तक का सबसे कड़ा और विवादित बयान देते हुए देश में रह रहे सभी अफगान नागरिकों को तुरंत पाकिस्तान छोड़कर वापस अपने देश जाने का फरमान सुनाया है.
यही नहीं, उन्होंने तंज कसते हुए तालिबान शासित अफगानिस्तान को अफगानों का "अपना खलीफा" (Caliphate) बताया, जो दिखाता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते कितने खराब हो चुके हैं.
50 साल की मेहमाननवाजी का सिला 'आतंक'?
ख्वाजा आसिफ ने दो टूक शब्दों में कहा, "पाकिस्तान में कानूनी या गैर-कानूनी तरीके से रह रहे सभी अफगानियों को अब अपने खलीफा में वापस लौट जाना चाहिए."
उनका गुस्सा यहीं नहीं रुका. उन्होंने कहा, "पिछले 50 सालों से हम अफगानों की मेहमाननवाजी कर रहे हैं, उनकी सेवा कर रहे हैं. लेकिन इसके बदले में हमें क्या मिल रहा है? हमारी धरती पर पाकिस्तानियों का खून बहाया जा रहा है. यह सिलसिला अब और नहीं चल सकता."
उन्होंने साफ किया कि यह अब सिर्फ एक नीति का मामला नहीं, बल्कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा और अस्तित्व का सवाल बन गया है.
क्यों फूटा पाकिस्तान का गुस्सा: पाकिस्तान का यह गुस्सा बेवजह नहीं है. जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता संभाली है, तब से TTP के हमले पाकिस्तान में कई गुना बढ़ गए हैं. TTP के आतंकी अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी सेना और नागरिकों पर लगातार हमले कर रहे हैं.
पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान TTP को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहा है, बल्कि उन्हें पनाह दे रहा है. हाल ही में दोनों देशों की सीमाओं पर हिंसक झड़पें भी हुई हैं, जिनमें कई लोगों की जानें जा चुकी हैं. पाकिस्तान अब किसी भी कीमत पर अपनी धरती पर और खून-खराबा बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की अफगान नीति में एक बहुत बड़े बदलाव का संकेत है. अब तक 'भाईचारे' की बात करने वाला पाकिस्तान अब अफगान शरणार्थियों को अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानने लगा है.

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