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Up Kiran, Digital Desk: पंजाब की भगवंत मान सरकार और केंद्र के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार लड़ाई का अखाड़ा बनी है पंजाब की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में से एक- पंजाब यूनिवर्सिटी (PU). भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर यूनिवर्सिटी को बर्बाद करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है. BJP ने दावा किया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने यूनिवर्सिटी को करोड़ों रुपये की मदद दी, लेकिन पंजाब सरकार की लापरवाही और अनदेखी की वजह से आज PU की हालत खस्ता है.

BJP के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने आंकड़ों के साथ मान सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "एक तरफ मोदी सरकार शिक्षा के मंदिरों को संवारने का काम कर रही है, तो दूसरी तरफ पंजाब की AAP सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे गौरवशाली संस्थान को वित्तीय संकट में धकेल रही है."

BJP ने पेश किया अपने काम का रिपोर्ट कार्ड

अनिल सरीन ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी को पिछले कुछ सालों में 3229 करोड़ रुपये की भारी-भरकम वित्तीय सहायता दी है.

कहां से आया इतना पैसा?: उन्होंने बताया कि यह रकम यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) और राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA) जैसी केंद्रीय योजनाओं के तहत दी गई है.

किस काम के लिए दी गई मदद?: यह पैसा यूनिवर्सिटी में रिसर्च को बढ़ावा देने, नए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, हॉस्टल की सुविधा सुधारने और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने जैसे कई कामों के लिए था.

AAP सरकार पर क्या हैं आरोप?

BJP का आरोप है कि केंद्र से इतनी बड़ी मदद मिलने के बावजूद पंजाब सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही है.

अपना हिस्सा नहीं दे रही सरकार: नियमों के मुताबिक, यूनिवर्सिटी के खर्च में राज्य सरकार को भी अपना हिस्सा देना होता है, लेकिन BJP का आरोप है कि मान सरकार समय पर अपना ग्रांट जारी नहीं कर रही है.

यूनिवर्सिटी पर बढ़ा कर्ज: राज्य सरकार से मदद न मिलने के कारण यूनिवर्सिटी को अपने रोज़मर्रा के खर्च चलाने में भी मुश्किल हो रही है और उस पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है.

छात्रों और शिक्षकों का भविष्य खतरे में: BJP ने चेतावनी दी है कि अगर यही हाल रहा तो इससे न सिर्फ यूनिवर्सिटी की रैंकिंग पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि वहां पढ़ने वाले हजारों छात्रों और पढ़ाने वाले शिक्षकों का भविष्य भी अंधकार में चला जाएगा.

यह मामला अब सिर्फ यूनिवर्सिटी की फंडिंग का नहीं रह गया है, बल्कि यह पंजाब की अकादमिक विरासत और भविष्य का सवाल बन गया है. BJP ने मांग की  मान सरकार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़े और बताए कि केंद्र से मिले पैसे का सही इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा. अब देखना यह है कि AAP सरकार BJP के इन गंभीर आरोपों का क्या जवाब देती है.