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Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बने नवनिर्मित टाइप-VII के 184 मल्टीस्टोरी फ्लैट्स का उद्घाटन किया। ये विशेष परिसर सांसदों की कार्यात्मक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें 5000 स्क्वायर फीट का प्रत्येक फ्लैट आकार दिया गया है, और इन फ्लैट्स में सांसदों के कार्यालय और स्टाफ के लिए भी पर्याप्त स्थान मौजूद है।
इन इमारतों में भूकंपरोधी निर्माण की विशेषता है और ये दिव्यांगों के लिए भी अनुकूलित हैं। इस परिसर का उद्देश्य सांसदों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ उनके कामकाजी वातावरण को भी सुविधाजनक बनाना है।
सांसदों को मिलने वाले नए आवास
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए इस फ्लैट परिसर में चार टावरों का निर्माण किया गया है, जिनके नाम कृष्णा, गोदावरी, हुगली और कोसी रखे गए हैं। इन नामों के पीछे देश की प्रमुख नदियों का योगदान है, जो पूरे देश में जीवन का स्रोत मानी जाती हैं। इन फ्लैट्स में देश भर के 180 से ज्यादा सांसदों का आवास होगा। यह फ्लैट्स आकार में टाइप-VIII बंगले से भी बड़े हैं, जो सरकारी आवासों की सबसे बेहतरीन श्रेणी मानी जाती है।
इस नए परिसर में एक सामुदायिक केंद्र भी स्थापित किया गया है, जहां सांसद अपनी सामाजिक और आधिकारिक बैठकों का आयोजन कर सकेंगे। यह केंद्र सांसदों के आपसी संवाद और कार्यों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल साबित होगा।
सांसदों को कैसे आवंटित होते हैं बंगले
दिल्ली के लुटियंस जोन में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को आवास आवंटित किए जाते हैं। इसके लिए जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन एक्ट के नियमों का पालन किया जाता है। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, इस एक्ट के तहत एक विभाग, डायरेक्टरेट ऑफ स्टेटस की स्थापना 1922 में हुई थी, जो देशभर में केंद्रीय संपत्तियों की देखभाल, आवास आवंटन और खाली करने के कार्यों को नियंत्रित करता है।
सांसदों को आवास आवंटित करने में इस विभाग के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा की आवासीय समितियां भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
वरिष्ठ सांसदों के लिए आवास
सांसदों को उनकी वरिष्ठता और पद के आधार पर आवास प्रदान किए जाते हैं। छोटे स्तर के आवास जैसे टाइप-I से टाइप-IV केंद्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों को आवंटित होते हैं, जबकि टाइप-VI से टाइप-VIII तक के बंगलों का आवंटन केंद्रीय मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और सांसदों को किया जाता है।
जो सांसद पहली बार चुने जाते हैं, उन्हें टाइप-V बंगला मिलता है। वहीं, जो सांसद एक से अधिक बार चुनाव जीतकर आते हैं, उन्हें टाइप-VI और टाइप-VII जैसे बड़े बंगलों का आवंटन होता है।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के जज, कैबिनेट मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री और वित्त आयोग के अध्यक्षों को टाइप-VIII बंगला आवंटित किया जाता है।
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