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Up Kiran, Digital Desk: डायबिटीज के बढ़ते मामलों के बीच यह सवाल हर किसी के ज़हन में आता है – क्या डायबिटीज के मरीज़ फल खा सकते हैं? और अगर हां, तो क्या जूस पीना भी उतना ही सुरक्षित है? इन दोनों के बीच फर्क समझना ज़रूरी है, क्योंकि ब्लड शुगर कंट्रोल करने में यह एक अहम भूमिका निभाता है।
डायबिटीज में क्यों ज़रूरी है खाने का सही चुनाव?
जिन लोगों को डायबिटीज है, उनके लिए हर मील प्लान करना एक ज़िम्मेदारी बन जाती है। क्योंकि एक गलत चुनाव भी उनके ब्लड शुगर को अचानक बढ़ा सकता है। ऐसे में फल और जूस जैसे हेल्दी माने जाने वाले विकल्पों को लेकर कन्फ्यूजन आम बात है।
जूस से ज़्यादा फायदेमंद है पूरा फल
फल प्राकृतिक मिठास के साथ-साथ फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। जब इन्हें पूरे रूप में खाया जाता है, तो इनका असर ब्लड शुगर पर धीमा और स्थिर होता है। वहीं, फलों का जूस पीने से फाइबर गायब हो जाता है और शुगर तेजी से शरीर में अवशोषित होती है।
पूरा फल क्यों है बेहतर विकल्प?
धीमा शुगर रिलीज़: फाइबर के कारण शुगर धीरे-धीरे शरीर में रिलीज़ होती है, जिससे ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता।
पेट भरने का एहसास: फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।
अच्छे पोषक तत्व: विटामिन सी, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे ज़रूरी तत्व फल में भरपूर होते हैं।
जूस क्यों नहीं है स्मार्ट चॉइस?
फाइबर की पूरी कमी: जूस बनाने में छिलके और गूदे को हटा दिया जाता है, जिससे फाइबर पूरी तरह खत्म हो जाता है।
तेज़ी से बढ़ता ब्लड शुगर: जूस में मौजूद फ्रक्टोज़ बिना फाइबर के जल्दी अवशोषित हो जाता है।
कैलोरी का लोड: एक गिलास जूस में 2 से 3 फलों का अर्क होता है, जिससे शुगर और कैलोरी का लेवल बहुत ज्यादा हो सकता है।
फल खाएं, लेकिन सोच-समझकर
हालांकि फल बेहतर विकल्प हैं, पर इन्हें भी सोच-समझकर खाना चाहिए। डायबिटीज के मरीज़ों को ऐसे फल चुनने चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो। उदाहरण के लिए:
सही विकल्प: सेब, अमरूद, संतरा, नाशपाती, कीवी और बेर
संभलने वाले फल: आम, केला, अंगूर, चीकू – ये जल्दी ब्लड शुगर बढ़ा सकते हैं
साथ ही, मात्रा का ध्यान रखना भी ज़रूरी है। एक बार में ज़्यादा फल खाने से भी ब्लड शुगर पर असर पड़ सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में और सही समय पर फल लेना बेहतर होता है।
नतीजा – जूस नहीं, फल है सही चॉइस
डायबिटीज के मरीज़ों को अपने खानपान में संतुलन बनाए रखना चाहिए और सही जानकारी के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। अगर आपको मिठास की तलब है, तो फलों को अपनी डायट में शामिल करें – लेकिन जूस से बचें। यह छोटी-सी समझदारी लंबे समय तक ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मददगार हो सकती है।