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Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि के पावन अवसर पर झारखंड सरकार ने राज्य के दूध उत्पादकों के लिए बड़ी राहत भरी घोषणा की है। राज्य के करीब 60,000 दुग्ध उत्पादकों को अब उनकी बकाया प्रोत्साहन राशि मिलने जा रही है। यह कदम झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए आर्थिक मजबूती का नया रास्ता खोल सकता है।
कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने जानकारी दी कि अप्रैल 2025 से अगस्त 2025 तक की बकाया प्रोत्साहन राशि अब विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। इस योजना के तहत, दूध की बिक्री पर उत्पादकों को प्रति लीटर ₹5 की दर से सहायता दी जाती है। इस बार सरकार ने ₹16 करोड़ की राशि स्वीकृत की है, जिसे सीधे दुग्ध उत्पादकों के बैंक खातों में भेजा जाएगा।
झारखंड मिल्क फेडरेशन की अहम भूमिका
फिलहाल झारखंड मिल्क फेडरेशन प्रतिदिन करीब 2.53 लाख लीटर दूध का संग्रहण कर रही है। यह आंकड़ा न केवल राज्य की बढ़ती उत्पादन क्षमता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ संकेत देता है कि झारखंड अब श्वेत क्रांति की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
राज्य सरकार की यह पहल न सिर्फ किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें स्वावलंबी भी बना रही है। दुग्ध उत्पादन से जुड़े ऐसे प्रयास गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ा रहे हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिल रहा है।
आर्थिक मजबूती और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
झारखंड में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की योजनाएं पहले भी लाई गई हैं, लेकिन इस बार इसका असर ज़्यादा व्यापक माना जा रहा है। सीधे बैंक खाते में पैसे भेजे जाने से पारदर्शिता बनी रहेगी और किसानों को समय पर लाभ मिल सकेगा।
सरकार के मुताबिक, आने वाले महीनों में दूध संग्रहण की क्षमता और बढ़ाई जाएगी ताकि ज़्यादा से ज़्यादा उत्पादकों को इसका लाभ मिल सके। इस योजना से जुड़े अधिकारी मानते हैं कि अगर यही रफ्तार बनी रही, तो झारखंड जल्द ही देश के प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्यों में शामिल हो सकता है।