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Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नादिया जिले के कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव सभी की निगाहों में है। इस उपचुनाव में सत्तारूढ़ टीएमसी ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। पार्टी की उम्मीदवार अलीफा अहमद ने भाजपा उम्मीदवार आशीष घोष को 50 हजार से अधिक मतों से हराया है। इस चुनाव में अलीफा अहमद को 1,02,759 वोट मिले, जबकि घोष को 52,710 और कांग्रेस के काबिल उद्दीन शेख को 28,348 वोट मिले।

कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव इस सीट से टीएमसी विधायक नसीरुद्दीन अहमद के निधन के कारण हो रहा है। इस उपचुनाव में टीएमसी ने उनकी बेटी अलीफा को मैदान में उतारा था। अलीफा ने अपने पिता से अधिक वोट पाकर भाजपा को चुनाव में हराया। चुनाव जीतने के बाद अलीफा ने कहा कि वह आम लोगों के लिए काम करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा आम लोगों के लिए काम किया है। इस चुनाव में हार के बारे में बात करते हुए भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि इस साल कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में हिंदुओं के वोट ज्यादा मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि टीएमसी और भाजपा ने वोटों का ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया। कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं है। 2011 में जब टीएमसी ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी, तब अलीफा के पिता चुने गए थे। फिर अगले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस ने जीत हासिल की। ​​लेकिन 2021 में नसीरुद्दीन अहमद ने फिर जीत दर्ज की।

कौन हैं अलीफा अहमद

राजनीति में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने उतरीं अलीफा अहमद ने अपनी पहली राजनीतिक परीक्षा में सफलता हासिल की। ​​चुनाव के दौरान अलीफा अहमद लोगों के बीच काम करने गईं। अलीफा ने 2009 में दुर्गापुर इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 38 वर्षीय अलीफा की शादी काजी करीरुल इस्लाम से हुई है। उनके पति डॉक्टर हैं। वह मेडिकल का अभ्यास करते हैं। इसमें बीटेक करने वाली अलीफा टीसीएस में कार्यरत थीं। अलीफा के लिए राजनीति कोई नई बात नहीं है। अलीफा पहले भी अपने पिता के साथ कई राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं। दूसरी बार लहराया जीत का परचम

अलीफा का विधायक के तौर पर यह पहला मौका है, लेकिन इससे पहले वे 2018 में नदिया जिला परिषद के सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ चुकी हैं और जीती हैं। उनके पिता नसीरुद्दीन अहमद अपनी बेटी अलीफा को राजनीति में पहले ही ले आए थे। अलीफा अहमद लंबे समय तक कोलकाता में रहीं, लेकिन अब जब वे विधायक बन गई हैं, तो उन्हें नदिया जिले में ज्यादा समय बिताना होगा। नसीरुद्दीन अहमद कालीगंज में लालदा के नाम से मशहूर थे। पिता की जगह चुनी गईं अलीफा को इस सीट पर अपनी छाप छोड़नी होगी। यह सीट टीएमसी की फायरब्रांड नेता महुआ मोइत्रा के लोकसभा क्षेत्र में आती है।

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