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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाकों में एक बार फिर से सियासी माहौल गर्म हो गया है। इस बार चर्चा का केंद्र आजम खां की जेल से रिहाई और उनकी मुलाकात अखिलेश यादव के साथ है। 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस क्षेत्र में उनकी पकड़ से जुड़े नेता सक्रिय हो गए हैं, जिससे आम लोगों की नजरें भी इन बदलावों पर टिकी हैं।

आजम खां की वापसी से क्यों बढ़ी जनता की उम्मीदें?

राजनीतिक जगत में आजम खां का नाम बड़े प्रभावशाली माना जाता है। रामपुर, मुरादाबाद और आसपास के इलाकों में उनकी मौजूदगी ने हमेशा चुनावी परिणामों को प्रभावित किया है। जेल से रिहाई के बाद अब उनकी राजनीतिक ताकत और भी मजबूत हुई है, जो स्थानीय लोगों की उम्मीदों को भी नई दिशा दे रही है। उनके करीबी नेताओं की सक्रियता से क्षेत्र में विकास और सुधार की संभावनाएं ताजा हो रही हैं।

कांठ विधानसभा सीट पर किसका कब्जा?

मुरादाबाद जिले की कांठ विधानसभा सीट पर इस बार सियासी लड़ाई काफी दिलचस्प नजर आ रही है। आजम खां के भरोसेमंद यूसुफ मलिक की सक्रियता बढ़ी है और उनका इस सीट से चुनाव लड़ने का दावा मजबूत होता जा रहा है। वहीं, मौजूदा विधायक कमाल अख्तर भी सैफई परिवार से जुड़े हैं, जिससे पार्टी में सीट का बंटवारा एक बड़ा सवाल बन गया है। अगर आजम खां का प्रभाव बना रहता है तो इस बार यूसुफ मलिक को टिकट मिलने की संभावना ज्यादा है।

बिलारी से टिकट की होड़, मौजूदा विधायक भी पीछे नहीं

बिलारी विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक मोहम्मद फहीम भी चुनावी दौड़ में शामिल हैं। हाल ही में उनकी आजम खां से मुलाकात ने उनके समर्थकों में उम्मीदें जगाई हैं। हालांकि इस क्षेत्र में राजेश यादव जैसे पुराने नेताओं की दावेदारी भी मजबूत है। फहीम की वर्तमान पद पर मजबूती उन्हें एक बड़ा फायदा दे रही है।

टिकट की जंग में दो और नाम जोरदार

आजम खां के समर्थन में डॉ. महमूद सैफी और शाने अली शानू भी मैदान में हैं। डॉ. सैफी नगर या ठाकुरद्वारा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि शाने अली शानू देहात सीट पर अपनी दावेदारी पुख्ता कर रहे हैं। ये दोनों नेता सपा सांसद रुचिवीरा के करीबी माने जाते हैं, जिससे उनकी टिकट मिलने की संभावना और मजबूत हो गई है।

सपा के अंदरूनी सियासी समीकरण भी बदल रहे हैं

आजम खां के गुट के अलावा शिवपाल यादव के समर्थक भी अपनी जगह मजबूत करने में लगे हैं। राजेश यादव और जयपाल सिंह सैनी जैसे नेता भी विधानसभा चुनाव में भागीदारी के लिए तैयार हैं। इसके अलावा देहात, ठाकुरद्वारा, नगर समेत कई सीटों पर मौजूदा विधायक और उनके परिवार के लोग भी अपने कुनबे की राजनीतिक स्थिति मजबूत करने में जुटे हैं।

नई पीढ़ी की एंट्री, रुचिवीरा की बेटी भी मैदान में?

राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी भी अब सियासी कूद में शामिल होने लगी है। सपा सांसद रुचिवीरा की बेटी स्वाति वीरा भी निकट भविष्य में राजनीतिक कदम बढ़ा सकती हैं। पार्टी में चर्चा है कि वह नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं, हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि उन्हें मुरादाबाद के बजाय बिजनौर की बढ़ापुर सीट से उतारा जाएगा। बढ़ापुर क्षेत्र में सांसद का प्रभाव ज्यादा है, जो उनकी बेटी की राजनीति को भी मजबूत कर सकता है।