
Up Kiran, Digital Desk: डायबिटीज को लेकर हुए एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कम उम्र में पुरुषों और महिलाओं में इस बीमारी का खतरा और इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं। अब तक यही माना जाता था कि डायबिटीज का खतरा सभी के लिए एक जैसा होता है, लेकिन इस स्टडी ने इस धारणा को चुनौती दी है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि युवावस्था में, पुरुषों के लिए मोटापा (Obesity) डायबिटीज का सबसे बड़ा जोखिम कारक (risk factor) है। यानी जिन नौजवान पुरुषों का वजन सामान्य से बहुत ज्यादा होता है, उनमें डायबिटीज होने की आशंका सबसे अधिक होती है।
वहीं दूसरी ओर, युवा महिलाओं में डायबिटीज का खतरा सिर्फ मोटापे से नहीं, बल्कि अन्य कारकों से भी जुड़ा हुआ पाया गया। अध्ययन के अनुसार, महिलाओं में हृदय स्वास्थ्य (Cardiovascular health) और शरीर में सूजन (Inflammation) जैसे कारक डायबिटीज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका मतलब है कि अगर कोई महिला मोटी नहीं भी है, लेकिन उसके हृदय का स्वास्थ्य ठीक नहीं है या शरीर में सूजन की समस्या है, तो भी उसे डायबिटीज का खतरा हो सकता है।
क्या हैं इस स्टडी के मायने?
यह अध्ययन डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए एक नई दिशा दिखाता है। अब तक डायबिटीज की रोकथाम और इलाज के लिए एक ही तरह के दिशा-निर्देश अपनाए जाते थे, लेकिन इस शोध से पता चलता है कि लिंग (gender) के आधार पर अलग-अलग रणनीति अपनाने की जरूरत है।
युवा पुरुषों को अपना वजन नियंत्रित रखने पर सबसे ज्यादा ध्यान देने की सलाह दी जाती है, जबकि युवा महिलाओं को वजन के साथ-साथ अपने दिल की सेहत और शरीर में सूजन पैदा करने वाले कारकों, जैसे- तनाव, खराब जीवनशैली और खान-पान, पर भी ध्यान देना होगा। यह खोज भविष्य में डायबिटीज के बेहतर और व्यक्तिगत इलाज का रास्ता खोल सकती है, जिससे इस बीमारी को रोकने में और ज्यादा मदद मिलेगी।
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