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Up Kiran, Digital Desk: भारत ने शुक्रवार को अजरबैजान द्वारा लगाए गए उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि भारत शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में उसकी पूर्ण सदस्यता की राह में रोड़ा अटका रहा है। भारत ने साफ किया कि अजरबैजान का आवेदन अभी "विचाराधीन" है और इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

क्या था अजरबैजान का आरोप?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अजरबैजान के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि भारत SCO में उनकी एंट्री को रोक रहा है। इन रिपोर्ट्स ने दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में थोड़ी हलचल पैदा कर दी थी।

भारत का दो टूक जवाब: इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्थिति को पूरी तरह स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा, "हमने अजरबैजान द्वारा SCO में पूर्ण सदस्यता के लिए उसके आवेदन पर भारत द्वारा रोक लगाए जाने के आरोपों वाली मीडिया रिपोर्टें देखी हैं। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यह मामला अभी भी SCO के भीतर विचाराधीन है।"

उनके बयान का सीधा मतलब था कि इस प्रक्रिया में भारत अकेले फैसला नहीं ले सकता और यह संगठन के सभी सदस्यों का सामूहिक निर्णय होगा, जिस पर अभी चर्चा चल रही है। भारत ने स्पष्ट किया कि उसने इस प्रक्रिया में कोई एकतरफा रोक नहीं लगाई है।

क्या है शंघाई सहयोग संगठन (SCO)?

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) यूरेशिया का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा गठबंधन है। इसके सदस्य देशों में चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। ईरान इसका सबसे नया सदस्य बना है।

SCO की सदस्यता किसी भी देश के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है। अजरबैजान काफी समय से इसका पूर्ण सदस्य बनने की कोशिश कर रहा है। भारत के इस स्पष्टीकरण के बाद अब गेंद वापस SCO के पाले में है कि वह अजरबैजान की सदस्यता पर कब और क्या फैसला लेता है।

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