
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति में इन दिनों एक बड़ा सवाल सभी की जुबान पर है: आखिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के करीब है, और अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। यह पद भाजपा के भविष्य की दिशा और राजनीतिक रणनीति तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सूत्रों और राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली पसंद ही इस पद को संभालेगी। दिलचस्प बात यह है कि इस बार जिस नाम पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह 'न महिला है, न ओबीसी' वर्ग से आता है। यह संकेत अपने आप में कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा अक्सर विभिन्न सामाजिक वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का दावा करती रही है। इस मानदंड ने कई संभावित दावेदारों के नामों को सूची से बाहर कर दिया है।
भाजपा अध्यक्ष का पद पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में सबसे शक्तिशाली होता है। यह अध्यक्ष ही होता है जो 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पार्टी की आगे की रणनीति, राज्य चुनावों की तैयारी और सरकार व संगठन के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है। नए अध्यक्ष को न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना होगा, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को भी जमीनी स्तर तक पहुंचाना होगा। इस चयन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो भाजपा का वैचारिक मार्गदर्शक है।
अभी तक किसी नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन 'न महिला, न ओबीसी' और 'पीएम मोदी की पहली पसंद' जैसे संकेतों ने उत्सुकता बढ़ा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसे इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए चुनते हैं। यह निर्णय न केवल पार्टी के भीतर शक्ति संतुलन को प्रभावित करेगा, बल्कि देश की समग्र राजनीतिक दिशा पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा।
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