Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में भाजपा की कमान जल्द ही किसी नए चेहरे के हाथ सौंप दी जाएगी। पार्टी के भीतरी सूत्र बता रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर लगभग अंतिम मुहर लगा दी है। अब सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हरी झंडी का इंतजार है। माना जा रहा है कि दिसंबर महीने के पहले या दूसरे हफ्ते में आधिकारिक ऐलान हो सकता है।
सोमवार को राजधानी लखनऊ में दिन भर चली बैठकों ने साफ कर दिया कि मामला अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। पहले संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने शहर के एक बड़े होटल में संघ पदाधिकारियों से बंद कमरे में लंबी चर्चा की। उसके बाद सीएम आवास पर दूसरी अहम बैठक हुई। इसमें खुद योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। साथ ही संघ के बड़े नेता भी शामिल थे।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के अलावा मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और प्रदेश महासचिव धर्मपाल सिंह भी पहुंचे थे। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व ने जो नाम तय किया है उसे सबके सामने रखा गया। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ कि योगी और संघ ने पूरी तरह सहमति दे दी या कुछ और बात बाकी है।
पार्टी ने इस बार जातीय समीकरण को पूरी तरह ध्यान में रखा है। दिल्ली में हुई पिछली बैठक में नौ नेताओं के नाम पर गहन मंथन हुआ था। इनमें तीन ब्राह्मण, तीन ओबीसी और तीन दलित चेहरे शामिल थे। यही वजह है कि अब अटकलों का बाजार गर्म है।
किन नामों की सबसे ज्यादा चर्चा है?
राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। ब्राह्मण चेहरा होने के साथ उनका पुराना अनुभव भी उनके पक्ष में जा रहा है। इसके अलावा बलिया के सांसद हरीश द्विवेदी भी रेस में हैं। ओबीसी खेमे से योगी कैबिनेट के मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। दलित समाज से पूर्व केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया और विद्या सोनकर का नाम भी जोरों पर है।
_1321021986_100x75.png)
_586925421_100x75.jpg)
_883939103_100x75.png)
_2086524553_100x75.png)
_1669504420_100x75.jpg)