
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख के बीच हुई मुलाकात ने दोनों देशों के रिश्तों में एक नई जान डाल दी है. यह मुलाकात इसलिए भी खास थी क्योंकि इस साल भारत और मंगोलिया के बीच कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरे हो रहे हैं. दोनों नेताओं ने इस ऐतिहासिक मौके का जश्न मनाया और आने वाले समय में आपसी सहयोग को और भी मज़बूत करने का वादा किया.
रक्षा से लेकर डिजिटल दुनिया तक, हर क्षेत्र में बढ़ेगा साथ
इस मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने तय किया है कि वे डिफेंस (रक्षा), कनेक्टिविटी (जुड़ाव), ऊर्जा, माइनिंग (खनन), और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे. खास बात यह है कि मंगोलिया, भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डिजिटल ढांचा) को अपनाने में दिलचस्पी दिखा रहा है. इसका मतलब है कि मंगोलिया भारत के डिजिटल अनुभव से सीखेगा.
इसके अलावा, दोनों देशों के बीच रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) को बढ़ावा देने के लिए एक खास समझौता भी हुआ है. सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मीडिया के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है.
हमारा एक ख़ास दोस्त: मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख ने भारत को अपना 'स्ट्रैटेजिक पार्टनर' (रणनीतिक साझेदार) बताया. उन्होंने कहा कि एशिया में भारत उनका एक बहुत ही महत्वपूर्ण और भरोसेमंद साथी है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की भी तारीफ की और कहा कि भारत का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है.
दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की, जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति और स्थिरता जैसे मामले शामिल थे. इस मुलाकात से यह साफ है कि भारत और मंगोलिया के रिश्ते अब पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत होने वाले हैं.