
Up Kiran, Digital Desk: ओपनएआई (OpenAI) का नया और ज़बरदस्त वीडियो जनरेट करने वाला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल 'सोरा' (Sora) टेक जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। 'सोरा' उन AI वीडियो को बनाने में सक्षम है, जो असलियत से बहुत क़रीब दिखते हैं। लेकिन जैसे ही 'सोरा' द्वारा बनाए गए वीडियो वायरल होने शुरू हुए हैं, कॉपीराइट धारकों (Copyright Holders) के बीच चिंता और बेचैनी भी बढ़ गई है।
इन तमाम आलोचनाओं और चिंता के बीच, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने एक बड़ा और बेबाक बयान दिया है।
सैम ऑल्टमैन ने साफ तौर पर माना है कि AI वीडियो की प्रामाणिकता (Authenticity) और सच्चाई इमेज (Image) की तुलना में बहुत ज़्यादा लगती है। उन्होंने कहा:
विश्वास की ताक़त: उनका कहना है कि इंसान को AI-जेनरेटेड वीडियो पर, AI-जेनरेटेड इमेजेस के मुक़ाबले, ज़्यादा आसानी से विश्वास हो जाता है। वीडियो देखते ही दिमाग में यह बात बैठ जाती है कि शायद ये असली हों, जिसकी वजह से 'सोरा' और ज़्यादा ताकतवर हो जाता है।
राइट्स होल्डर्स का डर: इस वजह से मनोरंजन, फिल्म और मीडिया उद्योग (Media Industry) से जुड़े तमाम अधिकार धारकों (Rights Holders) ने चिंता व्यक्त की है। उन्हें डर है कि 'सोरा' उनकी मेहनत से तैयार की गई विज़ुअल सामग्री (Visual Content) का दुरुपयोग कर सकता है, या उससे मिलते-जुलते कॉन्टेंट को बाज़ार में ला सकता है।
ऑल्टमैन ने कहा कि लोगों की चिंताएं जायज़ हैं और वे इसे पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। ओपनएआई जानता है कि 'सोरा' एक डबल-एज्ड स्वॉर्ड (Double-Edged Sword) है—यानी इसका इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए हो सकता है, लेकिन दुरुपयोग की संभावनाएँ भी उतनी ही ज़्यादा हैं।
ओपनएआई ने साफ़ किया है कि वह ऐसी नीतियाँ (Policies) बनाने पर काम कर रहा है जो AI-जेनरेटेड कॉन्टेंट (AI-Generated Content) में पारदर्शिता (Transparency) लाए। उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी के मौलिक अधिकारों (Copyrights) का उल्लंघन न हो।
सैम ऑल्टमैन का यह सीधा-साधा स्वीकारोक्ति बताता है कि तकनीकी दुनिया में अब चुनौती AI को विकसित करने की नहीं है, बल्कि उसके सही उपयोग और नियमन (Regulation) की है।