
Up Kiran,Digitl Desk: बिहार में चुनावी माहौल गरमाता जा रहा है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर प्रदेश के युवाओं को एनडीए सरकार की सबसे बड़ी सफलता के तौर पर पेश किया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं से नमो ऐप के ज़रिए बात करते हुए, पीएम मोदी ने बिहार के बदले हुए हालात का ज़िक्र किया और कहा कि इसका सबसे ज़्यादा फ़ायदा यहां के युवाओं को मिल रहा है.
पीएम मोदी ने पुराने दिनों को याद करते हुए विपक्ष, खासकर आरजेडी पर निशाना साधा और कहा कि आज के युवा उस दौर से अनजान हैं, जिसने बिहार को बर्बाद करके रख दिया था.
'वो दौर जब शाम 5 बजे के बाद घर से निकलना मुश्किल था'
प्रधानमंत्री ने उस समय को याद किया जब बिहार का एक बड़ा हिस्सा नक्सलवाद की चपेट में था. उन्होंने कहा, "एक ज़माना था जब बिहार में नक्सली रेल की पटरियां उड़ा देते थे. मालगाड़ियों से कोयला और सीमेंट लूट लिया जाता था. हालत ये थी कि लोग शाम 5-6 बजे के बाद घर से निकलने में भी डरते थे. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाना तक मुमकिन नहीं था."
पीएम मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि आज बिहार में एक बेहतर माहौल बना है, और 18 से 25 साल के युवाओं ने वो भयानक दौर नहीं देखा है. यह एनडीए सरकार के सुशासन का ही नतीजा है.
'इस बार बिहार में मनेगी डबल दिवाली'
चुनावी जीत को लेकर अपना आत्मविश्वास दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इस साल बिहार में दो-दो दिवाली मनेगी. पहली तो 20 अक्टूबर को है, लेकिन बिहार का मूड बता रहा है कि दूसरी दिवाली 14 नवंबर को एनडीए की जीत के साथ मनाई जाएगी." उन्होंने इस जीत में महिलाओं और बेटियों की अहम भूमिका का भी ज़िक्र किया.
आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
NDA सरकार की योजनाओं की तारीफ़: पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान एनडीए सरकार की महिला रोज़गार योजना की भी सराहना की. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत बिहार की 1.20 करोड़ बहनों के खाते में 10-10 हज़ार रुपये भेजे गए हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं.
इसके अलावा, उन्होंने 'मेरा बूथ, सबसे मज़बूत' के नारे को बीजेपी की ज़मीनी सफलता का सबसे बड़ा मंत्र बताया. उन्होंने कहा कि जैसे बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, वैसे ही हर बूथ के मज़बूत होने से पार्टी को जीत मिलती है.
बिहार में चुनाव का बिगुल बज चुका है और प्रधानमंत्री मोदी के इन बयानों ने यह साफ़ कर दिया है कि एनडीए इस बार विकास और सुशासन, खासकर युवाओं पर केंद्रित अपनी उपलब्धियों के दम पर चुनावी मैदान में उतरेगी.