
Up Kiran, Digital Desk: अगर आपने ‘कांतारा’ फिल्म देखी है, तो वो रोंगटे खड़े कर देने वाला क्लाइमैक्स सीन आपको जरूर याद होगा, जहाँ ऋषभ शेट्टी 'दैव' के रूप में प्रदर्शन करते हैं। इस फिल्म ने देशभर के लोगों को तटीय कर्नाटक की एक सदियों पुरानी दैवीय परंपरा ‘भूत कोला’ से रूबरू कराया। फिल्म सुपरहिट हुई और लोगों ने इसकी कहानी और संस्कृति को खूब सराहा।
लेकिन अब इसी प्रसिद्धि की वजह से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म की सफलता के बाद, कई लोग और इवेंट कंपनियाँ पब्लिक फंक्शन, पार्टियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ‘भूत कोला’ की नकल करने लगी हैं। वे इसे एक मनोरंजन के साधन के तौर पर पेश कर रहे हैं, जो फिल्म के मेकर्स और इस परंपरा को मानने वाले समुदाय को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है।
क्यों नाराज़ हुए 'कांतारा' के मेकर्स: फिल्म के निर्देशक ऋषभ शेट्टी और उनकी टीम ने इस पर अपनी गहरी नाराज़गी जताते हुए एक चेतावनी जारी की है। उन्होंने साफ़ कहा है कि ‘भूत कोला’ कोई डांस या ड्रामा नहीं है, जिसे कोई भी स्टेज पर कर दे। यह एक बेहद पवित्र और संवेदनशील धार्मिक अनुष्ठान है।
उनके अनुसार:
यह मनोरंजन नहीं, आस्था है: यह एक पूजा पद्धति है, जिसमें दैवीय ऊर्जा का आह्वान किया जाता है। इसकी नकल करके इसे मनोरंजन का रूप देना इस परंपरा का अपमान है।
कठोर नियम और दीक्षा: जो व्यक्ति इस अनुष्ठान को करता है (जिसे 'दैव नर्तक' कहते हैं), उसे कई कठोर नियमों का पालन करना पड़ता है और इसकी एक उचित दीक्षा होती है। कोई भी आम इंसान इसे ऐसे ही नहीं कर सकता।
भावनाएं आहत हो रही हैं: इस तरह की नकल से उन लाखों लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं, जो पीढ़ियों से इन दैवों की पूजा करते आ रहे हैं।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी: ‘कांतारा’ की टीम ने साफ़ कर दिया है कि अगर कोई भी बिना आधिकारिक अनुमति और सही रीति-रिवाज के इस पवित्र अनुष्ठान की नकल करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि संस्कृति का सम्मान करना हर किसी की ज़िम्मेदारी है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।