Up Kiran, Digital Desk: कौवे अपनी असाधारण बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके बारे में जो अफवाहें फैली हुई हैं, वे कई बार वैज्ञानिक तथ्यों से मेल नहीं खातीं। सबसे आम बात यह है कि लोग मानते हैं कि जब एक कौवा मरता है तो उसके साथी उसे लेकर शोक मनाते हैं, उसे दफनाते हैं और उसके शरीर के पास एकत्र होते हैं। क्या यह सच है? आइए जानते हैं इस विषय पर क्या कहते हैं वैज्ञानिक।
क्या कौवे सच में मृत साथी के पास इकट्ठा होते हैं?
यह बात सही है कि कौवे अपने मृत साथियों के पास इकट्ठा होते हैं, लेकिन इसका कारण कुछ और है। Elephant Conservation and Care Center के डायरेक्टर बैजूराज के अनुसार, कौवे किसी एक साथी की मौत के बाद उसकी मृत्यु का कारण जानने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह दृश्य किसी अंतिम संस्कार जैसा लगता है, लेकिन असल में वे मृत शरीर के आस-पास इसलिए इकट्ठा होते हैं ताकि वे यह समझ सकें कि उस स्थान पर क्या खतरनाक घटनाएं हो रही हैं।
क्या वे मृत साथी के साथ 'संबंध' बनाते हैं?
यह मान्यता पूरी तरह से गलत है कि कौवे मरने वाले साथी के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं। आमतौर पर लोग कौवों के शोर और भीड़ को भ्रमित कर लेते हैं। ये कौवे अपने साथी की मृत्यु के बाद शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं बनाते, बल्कि उनका शोर एक चेतावनी प्रणाली का हिस्सा होता है। यह आवाज़ उनके समूह के अन्य सदस्यों को एक 'DANGER CALL' की तरह काम करती है, ताकि वे सतर्क हो सकें।
कौवों के समूह को क्यों कहते हैं 'Murder'?
कौवों के समूह को अंग्रेजी में 'Murder' कहा जाता है, और यह नाम मध्ययुगीन इंग्लैंड से उत्पन्न हुआ था। उस समय कौवों को मौत, युद्ध और अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता था। उनकी काली रंगत, तेज आवाज और शवों के आस-पास मंडराने की आदत ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि ये पक्षी किसी तरह से 'बुरा शगुन' हैं। इसी कारण उनका समूह 'Murder' के नाम से जाना जाता है।
कौवे ऐसी प्रतिक्रिया क्यों करते हैं?
कौवे अत्यधिक बुद्धिमान होते हैं। किसी साथी की मृत्यु को वे खतरे का संकेत मानते हैं। इसके पीछे उनका उद्देश्य यह होता है कि वे यह समझ सकें कि उस स्थान पर कोई खतरा हो सकता है, जैसे शिकारी, बीमारी, जहर, या फिर मानव गतिविधियाँ। इसके चलते वे एक तरह की 'जांच बैठक' आयोजित करते हैं ताकि वे यह जान सकें कि उस इलाके में क्या हो रहा है और क्या वे सुरक्षित हैं या नहीं।
कौवे किस प्रकार की प्रतिक्रिया देते हैं?
कांव-कांव की आवाज़: कौवे जोर से कांव-कांव करते हैं, जो उनके समूह के अन्य सदस्यों को सतर्क करने का एक तरीका होता है।
निगरानी: वे पेड़ों पर बैठकर आसपास की स्थिति की निगरानी करते हैं।
मंडराना: वे मृत शरीर के आसपास कुछ देर तक मंडराते हैं, ताकि वे यह समझ सकें कि यहां क्या हुआ।
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