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Up Kiran, Digital Desk: धनतेरस पर अक्सर लोग सोना, बर्तन या गहने खरीदते हैं, लेकिन कुछ मामूली चीज़ें भी होती हैं जो बड़े काम की होती हैं। उनमें से सबसे खास हैं झाड़ू और धनिया के बीज। सुनने में आम लगने वाली ये चीज़ें असल में शुभ ऊर्जा, समृद्धि और नई शुरुआत की प्रतीक मानी जाती हैं।

झाड़ू: सिर्फ सफाई का सामान नहीं, बल्कि भाग्य बदलने का उपाय

1. नकारात्मक ऊर्जा की सफाई

धनतेरस पर नई झाड़ू लाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह दरिद्रता और पुराने झंझटों को बाहर निकालने का प्रतीक माना गया है। इससे घर में शांति और पॉजिटिव वाइब्स आती हैं।

2. लक्ष्मी को रोक कर रखना

कुछ परंपराएं मानती हैं कि पुरानी झाड़ू से लक्ष्मी जी नाराज़ हो जाती हैं। जबकि नई झाड़ू, उन्हें घर में बनाए रखने में मदद करती है।

3. कर्ज़ से मुक्ति का संकेत

झाड़ू खरीदना और उसे धनतेरस के दिन घर में रखना, यह संकेत देता है कि आप आर्थिक समस्याओं से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं। यह एक प्रतीक है कि आप नई शुरुआत करना चाहते हैं।

4. वास्तु के अनुसार लाभकारी

वास्तु शास्त्र कहता है कि साफ और व्यवस्थित घर में धन और सुख टिकते हैं। नई झाड़ू न सिर्फ सफाई के लिए, बल्कि ऊर्जा संतुलन के लिए भी ज़रूरी मानी जाती है।

धनिया के बीज: छोटे बीज, बड़ा संकेत

1. विकास और धन की आशा

धनिया के बीज, विकास और उन्नति के प्रतीक हैं। इन्हें बोने का मतलब है कि आप अपने जीवन में बढ़ोतरी और समृद्धि की कामना कर रहे हैं।

2. देवी लक्ष्मी का प्रिय भोग

धनतेरस पर इन बीजों को देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि को चढ़ाया जाता है। बाद में इन्हें ताबीज की तरह घर के लॉकर या तिजोरी में रखा जाता है।

3. बीज बोने की परंपरा

कुछ लोग इन बीजों को अपने बगीचे या गमले में बोते हैं। मान्यता है कि जैसे-जैसे बीज बढ़ते हैं, वैसे-वैसे घर में खुशहाली भी बढ़ती है।

4. ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष के अनुसार, धनिया का संबंध बुध ग्रह से होता है। इससे व्यापार, बुद्धिमत्ता और आर्थिक उन्नति में लाभ मिलता है।

धनतेरस की असली खूबसूरती: सरल चीज़ों में छुपा बड़ा संदेश

जहां सोना और चांदी हर कोई नहीं खरीद सकता, वहीं झाड़ू और धनिया जैसी चीज़ें हर इंसान के लिए सुलभ हैं। यही इस त्योहार की खूबसूरती है – हर कोई इस परंपरा में भाग ले सकता है, भले ही बजट छोटा हो।

झाड़ू = पुरानी परेशानियों से छुटकारा

धनिया = भविष्य की उम्मीद और समृद्धि