
Up Kiran, Digital Desk: मानसून का मौसम यकीनन गर्मी से राहत दिलाता है। रिमझिम बारिश, ठंडी हवाएं और चारों तरफ हरियाली, यह सब किसे पसंद नहीं होता? लेकिन यह मौसम अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है, खासकर हमारी आंखों के लिए। इस मौसम में नमी और उमस के कारण बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे आंखों में इन्फेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
ऐसे में, अगर आप चश्मे की जगह कॉन्टैक्ट लेंस पहनना पसंद करते हैं, तो आपको और भी ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स की मानें तो मानसून के दौरान कॉन्टैक्ट लेंस की तुलना में चश्मा पहनना कहीं ज्यादा सुरक्षित विकल्प है। आइए जानते हैं क्यों।
क्यों हैं कॉन्टैक्ट लेंस मानसून में खतरनाक?
इन्फेक्शन का घर बन सकते हैं लेंस:मानसून में हवा में नमी बहुत ज्यादा होती है, जो बैक्टीरिया और दूसरे कीटाणुओं के लिए जन्नत जैसी होती है। जब आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, तो आपके हाथ सीधे आपकी आंखों के संपर्क में आते हैं। अगर आपके हाथ पूरी तरह से साफ और सूखे नहीं हैं, तो कीटाणु आसानी से लेंस पर चिपककर आपकी आंखों तक पहुंच सकते हैं। लेंस के नीचे फंसकर ये कीटाणु तेजी से अपनी संख्या बढ़ाते हैं, जिससे कंजंक्टिवाइटिस (आंखों का आना), कॉर्नियल अल्सर और फंगल केराटाइटिस जैसे गंभीर इन्फेक्शन हो सकते हैं।
बारिश का पानी शुद्ध नहीं होता:हमें लगता है कि बारिश का पानी साफ होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह हवा में मौजूद प्रदूषण, धूल और अनगिनत कीटाणुओं को अपने साथ लेकर नीचे आता है। जब आप बारिश में बाहर होते हैं, तो ये पानी की बूंदें आसानी से आपकी आंखों में जा सकती हैं। अगर आपने लेंस पहने हैं, तो यह दूषित पानी आपकी आंखों और लेंस के बीच फंस सकता है, जो इन्फेक्शन को सीधा निमंत्रण देने जैसा है।
जलन और ड्राइनेस की समस्या:हवा में नमी के कारण इस मौसम में आंखों में खुजली और जलन की समस्या आम हो जाती है। कॉन्टैक्ट लेंस इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं। अगर आप बार-बार आंखों को मलते हैं, तो इससे आपकी आंखों की नाजुक सतह (कॉर्निया) पर खरोंच आ सकती है या इन्फेक्शन फैल सकता है।
क्यों है चश्मा बेहतर और सुरक्षित विकल्प?
सुरक्षा कवच: चश्मा आपकी आंखों के लिए एक ढाल की तरह काम करता है। यह बारिश की बूंदों, धूल और हवा में उड़ते कणों को सीधे आपकी आंखों में जाने से रोकता है।
कोई सीधा संपर्क नहीं: चश्मा आपकी आंखों की सतह को नहीं छूता है, इसलिए कीटाणुओं के फंसने और इन्फेक्शन होने का खतरा लगभग खत्म हो जाता है।
आसान रखरखाव: चश्मे को साफ करना और संभालना लेंस की तुलना में बहुत आसान होता है। आप इसे दिन में कितनी भी बार आसानी से साफ कर सकते हैं।
अगर लेंस पहनना मजबूरी हो तो क्या करें?
अगर आपके लिए कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बहुत ही जरूरी है, तो इन बातों का खास ध्यान रखें:
सफाई का रखें पूरा ध्यान: लेंस लगाने या उतारने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और उन्हें एक साफ, रोएं-रहित तौलिये से पूरी तरह सुखाएं।
बारिश से बचें: बारिश में भीगने से बचें और हमेशा छाते का इस्तेमाल करें।
तैराकी न करें: भूलकर भी लेंस पहनकर स्विमिंग पूल या किसी भी तालाब में न जाएं।
रोजाना बदलें सॉल्यूशन: अपने लेंस केस को रोजाना साफ करें और उसके सॉल्यूशन को बदलें।
जरा भी दिक्कत हो तो उतार दें: अगर आंखों में जरा भी लालिमा, खुजली या जलन महसूस हो, तो तुरंत लेंस उतार दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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