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Up Kiran, Digital Desk: कहा जा रहा है कि 'कांटा लगा' फेम अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। इसके कारण युवाओं में हृदय रोग का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। साठ की उम्र के बाद होने वाली हृदय संबंधी बीमारियां वर्तमान में 30 से 40 की उम्र के युवाओं में देखी जा रही हैं। इसलिए हृदय रोग विशेषज्ञों ने 30 से 35 की उम्र में ही हृदय की जांच करवाने की अपील की है।

आधुनिक जीवनशैली ने युवाओं के खान-पान की सभी आदतों को बदल दिया है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हर रात देर तक जागना, पर्याप्त नींद न लेना, पारिवारिक और पेशेवर तनाव कुछ ऐसे प्रमुख कारण हैं जो हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहे हैं।

कई वर्षों से मुंबई में हृदय रोग मौत का 'नंबर एक' कारण रहा है। कई हृदय रोग विशेषज्ञों की ओपीडी में युवा मरीज इलाज के लिए आते देखे जाते हैं।

हृदय रोग के लक्षण

सीने में गांठ महसूस हो तो इसे एसिडिटी समझकर नज़रअंदाज़ न करें।

सीने में दर्द।

सांस लेने में दिक्कत।

सांस फूलना, थोड़ी देर में ही पसीना आना।

हृदय गति का बढ़ जाना।

उपाय क्या

हृदय रोग से बचाव हर किसी के हाथ में है। धूम्रपान, अनियमित समय पर भोजन, खास तौर पर प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड, तैलीय और वसायुक्त खाद्य पदार्थ 'ट्राइग्लिसराइड्स' के स्तर को बढ़ाते हैं। इससे रक्त वाहिकाओं में रुकावट पैदा होती है। अच्छे खान-पान से इससे बचा जा सकता है। सप्ताह में 150 मिनट पैदल चलना चाहिए। जो लोग व्यायाम नहीं कर पाते हैं, उन्हें योग करना चाहिए।

 

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