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Up Kiran, Digital Desk: अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच एक अभूतपूर्व सहयोग, NISAR सैटेलाइट (NISAR Satellite), जल्द ही पृथ्वी के अवलोकन के तरीके को क्रांतिकारी बनाने के लिए तैयार है। हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक पूर्व वैज्ञानिक ने इस मिशन की सबसे खास विशेषता पर प्रकाश डाला है: इसके पास 'दो रडार नेत्र' (Two Radar Eyes) हैं, जो इसे दिन हो या रात, किसी भी मौसम की स्थिति में, यहां तक कि घने बादलों या कोहरे के बावजूद भी पृथ्वी की सतह की तस्वीरें लेने में सक्षम बनाते हैं। यह विशेषता NISAR को पारंपरिक ऑप्टिकल सैटेलाइट से कहीं अधिक शक्तिशाली और बहुमुखी बनाती है, और इसे पृथ्वी विज्ञान (Earth Science) के लिए एक 'गेम चेंजर' के रूप में देखा जा रहा है।

NISAR क्या है? एक अद्वितीय सहयोग की गाथा:
NISAR (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) और भारत की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन मिशन है। यह भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग (Space Collaboration) में एक मील का पत्थर है, जो दोनों देशों की वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करता है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की सतह पर होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों का अध्ययन करना है, जिनमें भू-पटल विरूपण (Earth's crustal deformation), ध्रुवीय बर्फ की चादरों का पिघलना (Polar ice sheet melting), वनस्पति आवरण में परिवर्तन (Vegetation cover changes) और प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) के प्रभाव शामिल हैं।

दो रडार नेत्रों' का रहस्य: क्यों यह इतना खास है?
पूर्व ISRO वैज्ञानिक के अनुसार, NISAR सैटेलाइट में दोहरी आवृत्ति वाला सिंथेटिक अपर्चर रडार (Dual-frequency Synthetic Aperture Radar - SAR) लगा है: एक एल-बैंड रडार (L-band Radar) जो नासा द्वारा प्रदान किया गया है, और दूसरा एस-बैंड रडार (S-band Radar) जो ISRO द्वारा विकसित किया गया है।

रडार प्रौद्योगिकी (Radar Technology): पारंपरिक ऑप्टिकल सैटेलाइट्स सूर्य के प्रकाश पर निर्भर करते हैं और बादलों या अंधेरे में ठीक से देख नहीं पाते। इसके विपरीत, SAR अपनी माइक्रोवेव पल्स उत्सर्जित करता है और परावर्तित संकेतों को कैप्चर करता है। यह क्षमता NISAR को मौसम-स्वतंत्र इमेजिंग (All-Weather Imaging) और दिन-रात निगरानी (Day-Night Monitoring) करने में सक्षम बनाती है।

दोहरी आवृत्ति का लाभ: एल-बैंड और एस-बैंड दोनों का उपयोग करने से वैज्ञानिकों को विभिन्न गहराई और बनावट की जानकारी मिलती है। एल-बैंड रडार घनी वनस्पति और मिट्टी की नमी को बेहतर ढंग से भेदता है, जबकि एस-बैंड रडार सतह के छोटे-मोटे परिवर्तनों और शहरी क्षेत्रों का विवरण प्रदान करता है। यह संयोजन उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा (High-Resolution Data) प्रदान करता है जो पृथ्वी की जटिल प्रणालियों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

NISAR के अनुप्रयोग: धरती के लिए एक 'डॉक्टर'
NISAR से प्राप्त होने वाला डेटा वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के लिए अभूतपूर्व जानकारी प्रदान करेगा। इसके प्रमुख अनुप्रयोगों में शामिल हैं:

जलवायु परिवर्तन का अध्ययन (Climate Change Study): यह ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों के पिघलने की दर, समुद्र के स्तर में वृद्धि, और कार्बन चक्र (Carbon Cycle) में बदलाव की निगरानी करेगा, जो ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्राकृतिक आपदा प्रबंधन (Natural Disaster Management): भूकंप (Earthquakes), ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions), भूस्खलन (Landslides) और सुनामी (Tsunamis) जैसी आपदाओं से पहले और बाद में होने वाले भूमि विरूपण का सटीक मानचित्रण करेगा। यह आपदा चेतावनी प्रणाली (Disaster Warning System) को मज़बूत करेगा।

कृषि और वानिकी (Agriculture and Forestry): फसल की पैदावार का आकलन (Crop Yield Assessment), मिट्टी की नमी (Soil Moisture) का विश्लेषण, और वनों की कटाई (Deforestation) तथा वनस्पति वृद्धि की निगरानी में मदद करेगा। यह भारतीय कृषि (Indian Agriculture) के लिए महत्वपूर्ण होगा।

जल संसाधन प्रबंधन (Water Resources Management): पानी के स्तर और प्रवाह को ट्रैक करने में मदद करेगा, जो जल सुरक्षा (Water Security) और बांध प्रबंधन के लिए आवश्यक है।

भू-भौतिकी अध्ययन (Geophysical Studies): टेक्टोनिक प्लेटों की गति (Tectonic Plate Movement) और पृथ्वी की पपड़ी में होने वाले परिवर्तनों को समझने में सहायता करेगा, जिससे भूकंपीय गतिविधियों की बेहतर भविष्यवाणी की जा सकेगी।

भारत और वैश्विक विज्ञान के लिए महत्व: NISAR मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम (India's Space Program) के बढ़ते कद को प्रदर्शित करता है और इसे वैश्विक वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिकों को पृथ्वी की प्रणालियों को समझने में मदद करेगा, बल्कि यह नीति निर्माताओं को पर्यावरण निगरानी (Environmental Monitoring), शहरी नियोजन (Urban Planning) और संसाधन प्रबंधन (Resource Management) के लिए डेटा-आधारित निर्णय लेने में भी सहायता करेगा।

NISAR सैटेलाइट वास्तव में एक अंतरिक्ष चमत्कार (Space Miracle) है, जो हमारे ग्रह की स्वास्थ्य रिपोर्ट को अधिक स्पष्टता और सटीकता के साथ प्रस्तुत करेगा। यह एक ऐसा कदम है जो मानव जाति को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और एक स्थायी भविष्य बनाने के लिए तैयार करेगा। यह केवल एक सैटेलाइट नहीं, बल्कि पृथ्वी के प्रति हमारी समझ और जिम्मेदारी का प्रतीक है।

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