
Up Kiran, Digital Desk: सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा आयोजित सांख्यिकी सलाहकारों के सम्मेलन (Statistical Advisors Conference) में गुरुवार, 14 अगस्त को, मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor - CEA) वी. अनंत नागेश्वरन (V. Anantha Nageswaran) ने एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि भारत डेटा के क्षेत्र में वैश्विक मानक (Global Standards) और बेंचमार्क (Benchmarks) स्थापित करने की क्षमता रखता है।
विकसित देशों की डेटा क्वालिटी पर चिंता: भारत के लिए अवसर
नागेश्वरन ने विकसित अर्थव्यवस्थाओं (Developed Economies) में डेटा की गुणवत्ता (Data Quality) को लेकर बढ़ती चिंताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अपनी समृद्ध 'सांख्यिकीय विरासत' (Statistical Legacy) का लाभ उठाकर इस क्षेत्र में नेतृत्व कर सकता है। हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने श्रम सांख्यिकी प्रमुख (Labour Statistics Chief) को गलत नौकरी रिपोर्टों के लिए बर्खास्त कर दिया था, जो विकसित देशों में डेटा सटीकता (data accuracy) के साथ आ रही चुनौतियों को दर्शाता है। इसी तरह, यूके सांख्यिकीय प्राधिकरण (UK Statistical Authority) ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें संगठन में आवश्यक संरचनात्मक परिवर्तनों (structural changes) का उल्लेख किया गया था।
गोल्ड स्टैंडर्ड' बनने का अवसर:इस संदर्भ में, पूर्व कैपेसिटी बिल्डिंग कमीशन (Capacity Building Commission) के अध्यक्ष आदिल ज़ैनुल्भई (Adil Zainulbhai) ने कहा, "हमारे पास अपने डेटा सिस्टम को इतना अपग्रेड करने का अवसर है कि वे दुनिया के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड (Gold Standard) बन सकें।" यह बयान भारत की क्षमता और उस महत्वाकांक्षा को रेखांकित करता है जिसके साथ वह डेटा प्रबंधन और सांख्यिकीय प्रणालियों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकता है।
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