
देश में सम्मानित लोगों पर जब गंभीर आरोप लगते हैं तो समाज में हलचल मच जाती है। ऐसा ही मामला सामने आया है स्वामी प्रदीप्तानंद के खिलाफ, जिन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा था। अब एक महिला ने उन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने नौकरी का झांसा देकर कई बार उसका यौन शोषण किया।
पीड़िता ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा कि वह नौकरी की तलाश में स्वामी प्रदीप्तानंद के संपर्क में आई थी। शुरुआत में उन्होंने मदद का वादा किया और भरोसा जीत लिया। लेकिन इसके बाद, महिला के अनुसार, उन्होंने भरोसे का फायदा उठाते हुए कई बार उसके साथ जबरन संबंध बनाए।
महिला का कहना है कि उसने कई बार मना किया, लेकिन नौकरी और भविष्य की चिंता के कारण वह चुप रही। अंत में, जब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और नौकरी सिर्फ एक बहाना था, तो उसने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। अभी तक स्वामी प्रदीप्तानंद की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
यह मामला सामने आने के बाद कई लोगों ने चिंता जताई है कि समाज में सम्मानित चेहरों के पीछे किस तरह का व्यवहार छिपा हो सकता है। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जांच पूरी होने से पहले किसी को दोषी मानना ठीक नहीं है।
फिलहाल, पुलिस साक्ष्य और बयान जुटा रही है। अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो यह एक बड़ा उदाहरण होगा कि कानून सभी के लिए एक समान है — चाहे वो कोई संत हो या साधारण नागरिक।
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