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israel iran dispute: ईरान के विदेश मंत्रालय ने इजरायल पर हमले को लेकर बयान जारी किया है। ईरान ने अपने बयान में कहा कि ये हमले हानिया और हसन नसरल्लाह की मौत के प्रतिशोध में किए गए। ईरान ने ये भी दावा किया है कि उसने इज़रायल की सेना और रक्षा संस्थानों को निशाना बनाया।

इजराइल ने कहा है कि ईरान को इन हमलों की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस पर आपको आत्मरक्षा का अधिकार है। हम आत्मरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।' ईरान का कहना है कि उसने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 में निहित आत्मरक्षा के अधिकार के तहत इज़राइल पर हमला किया।

इजराइल के हमलों पर उठा सवालिया निशान

इजराइल द्वारा फिलिस्तीनियों, लेबनान और सीरिया पर निरंतर सैन्य हमले होते रहते हैं। ऐसे में लंबे समय तक संयम बरतने के बाद ईरान ने अपने बयान में आत्मरक्षा के अधिकार को अपनाना जारी रखा, जो क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के प्रति उसके जिम्मेदार रवैए को दर्शाता है।

संयुक्त राष्ट्र परिषद से अपील -

ईरान ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ने इस्लाम की उच्च शिक्षाओं और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुसार नैतिक सिद्धांतों और गैर-भेदभाव के सिद्धांत का पूर्ण अनुपालन करते हुए, अपनी आत्मरक्षा में मुख्य रूप से सरकार की सैन्य और सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है।

साथ ही इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इजरायल की गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाइयों पर अंकुश लगाने, वित्तीय और सैन्य सहायता रोकने और तीसरे पक्ष की भागीदारी के खिलाफ चेतावनी देने की अपील की है।
 

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