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Up kiran,Digital Desk : समुद्र में तो तनाव पहले से ही था, लेकिन अब यह आग ज़मीन तक पहुँचने वाली है। कैरिबियन सागर में वेनेजुएला के कथित ड्रग तस्करों की नावों पर अमेरिकी हमलों के बाद अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द अमेरिकी सेना वेनेजुएला की धरती पर भी हमले शुरू कर सकती है।

यह धमकी ऐसे समय में आई है, जब ट्रंप प्रशासन पहले से ही उन समुद्री हमलों को लेकर सवालों के घेरे में है, जिनमें 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

"ज़मीनी हमला तो और भी आसान है"

एक कैबिनेट बैठक के बाद ट्रंप ने अपने इरादे साफ कर दिए। उन्होंने न सिर्फ अपने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ का बचाव किया, बल्कि आगे की रणनीति का खुलासा भी कर दिया। ट्रंप ने कहा, "हम जल्द ही ज़मीन पर भी हमले शुरू करेंगे। ज़मीन पर हमला करना तो और भी आसान है, क्योंकि हमें पता है कि ये ड्रग तस्कर कहाँ रहते हैं। हम बहुत जल्द हमला शुरू करने वाले हैं।"

लेकिन कहानी में एक और बड़ा पेंच है...

यह पूरा मामला तब और उलझ गया, जब 80 से ज़्यादा मौतों पर सवाल उठने लगे। इस जानलेवा ऑपरेशन को लेकर ट्रंप प्रशासन के अंदर ही तालमेल की भारी कमी नज़र आ रही है।

  • राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री को नहीं थी जानकारी?
    ट्रंप ने अपना बचाव करते हुए कहा कि उन्हें दूसरे हमले के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। उन्होंने कहा, "मुझे दूसरे हमले के बारे में कुछ नहीं पता था। मुझे तो बस इतना पता था कि एक नाव को निशाना बनाया गया था।"
  • रक्षा मंत्री ने लाइव देखा पहला हमला
    वहीं, रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यह मानकर सबको चौंका दिया कि उन्होंने पहला हमला तो लाइव देखा था, लेकिन उसके तुरंत बाद वे अपनी दूसरी मीटिंग में चले गए। उन्होंने कहा, "कुछ घंटों बाद मुझे दूसरे हमले के बारे में पता चला। मैंने किसी को ज़िंदा नहीं देखा, क्योंकि वह नाव पूरी तरह से आग में घिरी हुई थी।"

तो फिर किसने दिया दूसरे हमले का आदेश?

जब राष्ट्रपति और रक्षा मंत्री दोनों ही दूसरे हमले से अनजान थे, तो 80 लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन है? इस सवाल पर व्हाइट हाउस ने इसका ठीकरा अमेरिकी स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के प्रमुख एडमिरल फ्रैंक मिच ब्रैडली पर फोड़ दिया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक, दूसरे हमले का आदेश एडमिरल ब्रैडली ने ही दिया था।

यह मामला अब सिर्फ ड्रग्स के खिलाफ एक ऑपरेशन का नहीं रहा। यह अब एक अंतरराष्ट्रीय तनाव, 80 से ज़्यादा मौतों पर उठते सवालों और एक महाशक्ति के प्रशासन के अंदर चल रही खींचतान की कहानी बन गया है, जिसका अगला कदम वेनेजुएला में एक बड़ी सैन्य कार्रवाई हो सकती है।