
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) ने राज्य के 41 गांवों की 13,300 एकड़ जमीन सीधे किसानों से खरीदने का फैसला लिया है। इस जमीन की खरीद ग्रेटर नोएडा से लेकर अलीगढ़ तक के इलाकों में की जाएगी और खास बात यह है कि इसमें किसी बिचौलिए की कोई भूमिका नहीं होगी। किसानों को अपनी जमीन की पूरी कीमत सीधा उनके बैंक खाते में मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ के गांव होंगे शामिल
YEIDA के सीईओ अरुणवीर सिंह के अनुसार, हाल ही में हुई एक बैठक में इस भूमि अधिग्रहण योजना के लिए 9200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया था। इसमें से 5000 करोड़ रुपये सिर्फ जमीन की खरीदारी के लिए निर्धारित किए गए हैं। प्रस्तावित योजना के अनुसार, 41 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जाएगी, जिनमें से 36 गांव ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में और 5 गांव अलीगढ़ जिले में स्थित हैं।
यह पहल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण और आगामी लॉजिस्टिक हब को ध्यान में रखते हुए की जा रही है, जिससे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। देश और विदेश की कई बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश के लिए रुचि दिखा रही हैं।
किसानों को मिलेगा तत्काल लाभ
योजना के अनुसार, जमीन बेचने वाले किसानों को सिर्फ मुआवजा ही नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें 3 महीने के भीतर आबादी भूखंड भी अलॉट किए जाएंगे। यह आबादी भूखंड वहीं दिए जाएंगे जहां यीडा ने पहले से विकास की योजना बनाई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि एक साल के भीतर उन क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं – सड़क, पानी, बिजली, सीवरेज आदि उपलब्ध करा दी जाएंगी।
एक और खास बात यह है कि जिस दिन किसान जमीन का रजिस्ट्रेशन (बैनामा) करेगा, उसी दिन उसे आबादी भूखंड का आरक्षण पत्र भी सौंप दिया जाएगा। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और किसानों को प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
6 जिलों में फैला YEIDA का कार्यक्षेत्र
YEIDA का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश के छह प्रमुख जिलों – गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस और आगरा – में फैला हुआ है। इन जिलों में औद्योगिक और आवासीय परियोजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र विकास का बड़ा केंद्र बन सकता है।
इस योजना से न केवल किसानों को उचित आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें भविष्य में स्थायी निवास और बेहतर जीवनशैली भी मिलेगी। जमीन की इस सीधी खरीद से पारदर्शिता बढ़ेगी और औद्योगिक विकास की गति को भी नया बल मिलेगा।