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यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने बृहस्पतिवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए मेडिकल डिवाइस पार्क के क्षेत्रफल को 150 एकड़ और बढ़ाने की घोषणा की है। पहले इस परियोजना के लिए 350 एकड़ जमीन निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर कुल 500 एकड़ कर दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य क्षेत्र को मेडिकल उपकरण निर्माण के केंद्र के रूप में विकसित करना और निवेश को आकर्षित करना है।

बढ़ती मांग के चलते विस्तार की योजना

YEIDA के CEO अरुण वीर सिंह ने बताया कि यह निर्णय निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा:

"शुरुआत में 350 एकड़ में मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित करने की योजना थी, लेकिन अब इसे 500 एकड़ तक विस्तारित किया जा रहा है। अभी तक 74 कंपनियों को कुल 179 एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है, जिनमें से 36 कंपनियों ने लीज डीड पूरी कर ली है।"

उन्होंने आगे बताया कि एक कंपनी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 11 अन्य कंपनियों का काम जारी है। यह विकास संकेत देता है कि मेडिकल क्षेत्र में निवेशकों की रुचि लगातार बढ़ रही है।

40 नई कंपनियों ने किया रजिस्ट्रेशन

इस प्रोजेक्ट में अब तक 40 नई कंपनियां निवेश के लिए पंजीकरण करा चुकी हैं। ये कंपनियां खासतौर पर गंभीर बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे MRI, CT स्कैन मशीन, मॉनिटरिंग सिस्टम आदि के निर्माण पर ध्यान देंगी। इससे ना सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि भारत में मेडिकल उपकरणों की स्थानीय उत्पादन क्षमता भी मजबूत होगी।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनेगा गेमचेंजर

CEO अरुण वीर सिंह के अनुसार, मई 2025 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट में उड़ानें शुरू होने की संभावना है। इससे YEIDA क्षेत्र को लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी के मामले में बड़ी ताकत मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि जून 2025 में इंडिया एक्सपो मार्ट, ग्रेटर नोएडा में इंडिया मेडटेक एक्सपो का आयोजन होगा, जिसमें 200 से अधिक मेडिकल डिवाइस कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है।

इस एक्सपो में YEIDA की ओर से निवेशकों के सामने सरकारी योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि और अधिक कंपनियों को पार्क में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

भविष्य की संभावनाएं

YEIDA का यह विस्तार कदम भारत को मेडिकल डिवाइस निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। साथ ही यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में हेल्थटेक और मेडटेक उद्योग का प्रमुख केंद्र बन सकता है, जहां घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपने संयंत्र और कार्यालय स्थापित करेंगी।