लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के आक्रोश के आगे अंततः प्रदेश की योगी सरकार को झुकना पड़ा। सरकार ने यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द दी है। पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद अभ्यर्थी आंदोलित थे। अभ्यर्थियों के आक्रोश को देखते हुए सूबे की योगी सरकार ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 को रद्द करने का फैसला लिया। सीएम योगी ने कहा है कि छह माह के अंदर ही पूर्ण शुचिता के साथ परीक्षा आयोजित की जाएगी। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार पर हैं।
हाल में आयोजित की गयी यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा को पेपर लीक होने की खबरों के बाद अभ्यर्थी आंदोलित थे। लखनऊ और प्रयागराज से लेकर पूरे प्रदेश में युवाओं का आक्रोश सड़कों पर नजर आ रहा था। युवाओं के आक्रोश को देखते हुए योगी सरकार ने यह परीक्षा रद्द करकरने का निर्णय लिया है। सीएम योगी ने सोशल मीडिया साइट पर कहा कि आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर चयन के लिए आयोजित परीक्षा-2023 को निरस्त करने तथा आगामी छह माह के भीतर ही पुन: परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।
सीएम योगी ने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। सीएम योगी ने पुलिस भर्ती परीक्षा के संबंध में जारी एसटीएफ की जांच और अब तक की कार्रवाई की समीक्षा करने के बाद शनिवार को यह निर्णय लिया। सीएम के निर्देश पर गृह विभाग ने परीक्षा निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
योगी सरकार ने पुलिस भर्ती बोर्ड को निर्देश दिए है कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही इस प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराए जाने का फैसला लिया है। दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शासन ने छह महीने के अंदर पूर्ण शुचिता के साथ पुनः परीक्षा कराने और अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं।
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