
bihar politics: बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने टिकट बंटवारे के लिए जो नया फॉर्मूला अपनाया है, उसने सबको चौंका दिया। पार्टी की नई गाइडलाइन कहती है यदि आप टिकट चाहते हैं, तो फेसबुक पर कम से कम 1.3 लाख, एक्स पर 50 हजार और इंस्टाग्राम पर 30 हजार फॉलोअर्स दिखाइए। ये नियम 7 अप्रैल को पटना के सदाकत आश्रम में हुई बैठक में सामने आया, जब राहुल गांधी बिहार दौरे पर थे।
नया नियम नेताओं के लिए बना मुसीबत
सेंट्रल वार रूम के चेयरमैन शशिकांत सेंथिल ने प्रजेंटेशन देकर नेताओं को ये झटका दिया और फॉलोअर्स बढ़ाने के टिप्स के साथ एक हेल्पलाइन नंबर भी थमा दिया। मगर ये नियम बिहार कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है। ज्यादातर नेता सोशल मीडिया की इस कसौटी पर फिसड्डी हैं। कन्हैया कुमार एक अपवाद हैं, जिनके एक्स पर 44 लाख और फेसबुक पर 14 लाख फॉलोअर्स हैं। बाकी दिग्गज फीके पड़ते दिख रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार के फेसबुक पर 1.34 लाख तो ठीक, मगर एक्स पर सिर्फ 4,530 फॉलोअर्स हैं। विधायक दल के नेता शकील अहमद खान के फेसबुक पर 13,000 और एक्स पर 8,634 फॉलोअर्स हैं। अजीत शर्मा की हालत भी कमजोर है। फेसबुक पर 24,000 और एक्स पर 8,126 हैं। कई विधायकों के तो 10,000 से भी कम फॉलोअर्स हैं और दो-तीन के अकाउंट ही नहीं हैं।
संगठन की हालत भी कोई बेहतर नहीं। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के फेसबुक पेज पर 2.49 लाख और एक्स पर 1.58 लाख फॉलोअर्स हैं जो बीजेपी और जेडीयू जैसे दलों से कहीं पीछे है। एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हम गाँव-गाँव जाकर लोगों से मिलते हैं, मगर अब टिकट के लिए ट्वीट करना पड़ेगा। ये हास्यास्पद है। क्या ये नियम पार्टी को मजबूत करेगा या अपने ही नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाएगा? पार्टी के इस ऐलान के बाद से विरोधी इसका भरपूर फायदा उठा सकते हैं।