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भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम का अपना स्वाद और महत्व है—गर्मी, सर्दी, बारिश, सभी का अनुभव यहां के लोगों को होता है। मौसम के अनुसार खानपान और पोषक तत्वों की उपलब्धता भी हमारे शरीर को संतुलित रखने में मदद करती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से जीवनशैली में बदलाव आए हैं, उनका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ा है।

शहरों में लोग धूप से दूर रहते हैं, घरों में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी नहीं आती, और दिन का बड़ा हिस्सा बंद कमरों, एयर कंडीशनर और कंप्यूटर स्क्रीन के बीच बीतता है। इन आदतों की वजह से आज सबसे ज्यादा जिस पोषक तत्व की कमी पाई जा रही है, वो है विटामिन D।

सुबह की धूप है सबसे बड़ी दवा

अगर आप चाहते हैं कि आपकी हड्डियां मजबूत रहें और शरीर में विटामिन D की कमी न हो, तो रोज सुबह की धूप को अपनी दिनचर्या में शामिल करना बेहद जरूरी है।
सुबह कम से कम 30 मिनट धूप में रहना शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। सूरज की किरणों से शरीर की त्वचा जब सीधे संपर्क में आती है, तो शरीर खुद ही विटामिन D बनाना शुरू कर देता है।

यह एक नेचुरल तरीका है जिससे आपको दवाइयों या सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। खास बात यह है कि जितना अधिक आपकी त्वचा धूप के संपर्क में आएगी, उतना अधिक विटामिन D शरीर में बनेगा। इसलिए इस दौरान हल्के या कम कपड़े पहनना लाभदायक होता है, ताकि धूप सीधे त्वचा तक पहुंचे।

कौन सा समय है सबसे बेहतर?

यह जरूरी है कि आप धूप का सही समय चुनें, वरना इसके फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

गर्मियों में: सुबह 6:30 से 8 बजे तक की धूप सबसे फायदेमंद मानी जाती है।

सर्दियों में: धूप देर से निकलती है, इसलिए 7:30 से 9 बजे तक का समय उपयुक्त होता है।

इन घंटों के बाद की धूप में अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव तेज हो सकता है, जिससे त्वचा को नुकसान हो सकता है।

डाइट से कैसे पूरी करें विटामिन D की कमी?

धूप के अलावा कुछ खाद्य पदार्थों के जरिए भी आप विटामिन D की पूर्ति कर सकते हैं। अपने रोज़ाना के आहार में इन चीजों को शामिल करें:

गाय का दूध और दूध से बने उत्पाद (दही, पनीर)

अंडा, खासकर अंडे की जर्दी

मशरूम, खासकर धूप में उगने वाले

साबुत अनाज और सीरियल्स जो विटामिन D से फोर्टिफाइड हों

संतरे का ताजा जूस

फैटी फिश जैसे सैल्मन और ट्यूना (अगर नॉनवेज खाते हैं)

इन सबको संतुलित मात्रा में शामिल करने से शरीर को जरूरी पोषण मिलेगा और विटामिन D की कमी को दूर किया जा सकता है।

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