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Up Kiran, Digital Desk: टीका' या 'वैक्सीन' शब्द सुनते ही हमारे दिमाग़ में रोते हुए बच्चों की तस्वीर आ जाती है। हममें से ज़्यादातर लोग यही मानते हैं कि टीके तो सिर्फ़ बचपन में लगते हैं। लेकिन अगर आप भी यही सोचते हैं, तो आप अपनी सेहत को लेकर एक बहुत बड़ी और ख़तरनाक ग़लतफ़हमी में जी रहे हैं। सच्चाई यह है कि जैसे बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए टीके ज़रूरी होते हैं, वैसे ही बड़ों को भी एक उम्र के बाद कुछ ख़ास वैक्सीन की ज़रूरत पड़ती है।

पर बड़ों को टीके की ज़रूरत क्यों पड़ती है?

इसके तीन बड़े कारण हैं:

असर कम होना: बचपन में लगे कुछ टीकों का असर समय के साथ कम हो जाता है, इसलिए 'बूस्टर' डोज़ की ज़रूरत पड़ती है।

उम्र के साथ बढ़ता ख़तरा: कुछ बीमारियाँ उम्र बढ़ने के साथ ज़्यादा ख़तरनाक हो जाती हैं (जैसे निमोनिया)।

दूसरों की सुरक्षा: कुछ टीके लगाकर आप न सिर्फ़ ख़ुद को, बल्कि अपने आस-पास के लोगों, ख़ासकर छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों को भी बचाते हैं।

तो कौन से हैं वो टीके जो हर वयस्क को लगवाने चाहिए?

अपनी उम्र और सेहत के हिसाब से आपको डॉक्टर से ज़रूर सलाह लेनी चाहिए, लेकिन ये कुछ आम टीके हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए:

इन्फ्लूएंजा (फ्लू) का टीका:क्यों ज़रूरी है? यह वो आम वाला ज़ुकाम नहीं है। फ्लू एक गंभीर बीमारी हो सकती है। इसका वायरस हर साल अपना रूप बदलता है, इसलिए यह टीका हर साल लगवाना पड़ता है।

टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस (Tdap/Td) का बूस्टर:

क्यों ज़रूरी है? टेटनस किसी भी चोट या खरोंच से हो सकता है। Td का बूस्टर शॉट हर 10 साल में एक बार ज़रूर लगवाना चाहिए, ताकि आप सुरक्षित रहें।

हेपेटाइटिस (Hepatitis A and B) का टीका:

क्यों ज़रूरी है? हेपेटाइटिस आपके लिवर पर सीधा हमला करता है। हेपेटाइटिस A दूषित पानी या खाने से फैलता ہजबकि हेपेटाइटिस B इंफ़ेक्टेड खून या शारीरिक तरल पदार्थों से। अगर आपने बचपन में यह टीका नहीं लगवाया  तो आज ही डॉक्टर से बात करें।

एमएमआर (MMR - खसरा, कण्ठमाला और रूबेला):

क्यों ज़रूरी है? ज़्यादातर लोगों को यह टीका बचपन में लग जाता है, लेकिन अगर आपको याद नहीं या आप कभी इन बीमारियों से पीड़ित नहीं हुए, तो इसकी एक डोज़ लेना सुरक्षित रहता है, खासकर अगर आप विदेश यात्रा कर रहे हैं।

न्यूमोकोकल (निमोनिया) का टीका:

क्यों ज़रूरी है? 65 साल से ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्गों या फिर डायबिटीज़, अस्थमा या दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए यह टीका ज़िंदगी बचाने वाला साबित हो सकता है। यह निमोनिया जैसी गंभीर बीमारी से बचाता है।

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