
Up Kiran, Digital Desk: आज जब हम कुछ भी ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं या सुपरमार्केट से खरीदते हैं, तो खाने से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा हो जाता है। यह प्लास्टिक न केवल हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि हमारी सेहत के लिए भी खतरा है। लेकिन अब, फूड इंडस्ट्री इस समस्या का एक अनोखा और टिकाऊ समाधान ढूंढ रही है - इको-फ्रेंडली पैकेजिंग।
सोचिए कैसा हो अगर आपके बर्गर का रैपर या पानी की बोतल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की बजाय, मिट्टी में मिलकर खाद बन जाए? जी हां, यह अब सिर्फ कल्पना नहीं, बल्कि हकीकत बनने की राह पर है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव: ग्राहक अब पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं। वे ऐसे ब्रांड्स को पसंद कर रहे हैं जो पर्यावरण की परवाह करते हैं। इस वजह से, खाने-पीने की कंपनियां अब प्लास्टिक और थर्माकोल जैसे हानिकारक विकल्पों को छोड़कर नए और सुरक्षित तरीके अपना रही हैं।
क्या हैं ये नए और अनोखे तरीके,पौधों से बनी पैकेजिंग (Plant-based Packaging): प्लास्टिक की जगह अब मकई, गन्ना और मशरूम जैसी चीजों से पैकेजिंग बनाई जा रही है। यह देखने में प्लास्टिक जैसी ही होती है, लेकिन इस्तेमाल के बाद यह मिट्टी में आसानी से घुल जाती है और कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।
खाने लायक पैकेजिंग (Edible Packaging): यह सबसे दिलचस्प बदलाव है। कंपनियां अब ऐसी पैकेजिंग बना रही हैं, जिसे आप प्रोडक्ट के साथ खा भी सकते हैं! समुद्री शैवाल (seaweed) और दूध के प्रोटीन से बने रैपर और कंटेनर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। इससे कचरा बिल्कुल खत्म हो जाएगा।
दोबारा इस्तेमाल होने वाली पैकेजिंग (Reusable Packaging): कुछ कंपनियां अब 'यूज एंड थ्रो' की जगह 'यूज एंड रिटर्न' मॉडल पर काम कर रही हैं। इसमें आप सामान इस्तेमाल करने के बाद कंटेनर कंपनी को वापस कर देते हैं, जिसे वे साफ करके दोबारा इस्तेमाल कर लेते हैं।
कम से कम पैकेजिंग (Minimalist Packaging): अब ब्रांड्स गैर-जरूरी परतें और बड़े-बड़े डिब्बे हटाने पर जोर दे रहे हैं। जितनी जरूरत है, उतनी ही पैकेजिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे कचरा कम होता है।
स्मार्ट पैकेजिंग: कुछ कंपनियां ऐसी पैकेजिंग भी बना रही हैं जो आपको बताती है कि अंदर का खाना ताजा है या नहीं। यह पैकेजिंग खाने के खराब होने पर अपना रंग बदल लेती है, जिससे खाने की बर्बादी रुकती है।
यह बदलाव सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि हमारी धरती को बचाने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। अगली बार जब आप कुछ खरीदें, तो उसकी पैकेजिंग पर जरूर ध्यान दें और उन ब्रांड्स को चुनें जो इस खूबसूरत बदलाव का हिस्सा बन रहे हैं।