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नई दिल्ली॥ अनिल अम्बानी समूह की कम्पनी रिलायंस में सितम्बर के बाद अब 600 प्रतिशत के शेयरों का उछाल देखा गया। इस डूब रही कम्पनी को तिनके का सहारा मिल गया है। मोदी सरकार की ओर से रक्षा क्षेत्र में कम्पनी को कई तरह के करार मिलने की उम्मीद है।

रिलायंस नेवल एण्ड इंजीनियरिंग लिमिटेड 2009 में शेयर बाजार में आई थी। 9 सितंबर को कम्पनी के शेयरों का कीमत 95 पैसे थी, ये शेयरों का सबसे कम दाम था। उसके बाद अब शेयरों के रेट 7.31 रुपए हो गया है।

कम्पनी जो अब तक डूबने का इंतजार कर रही थी मोदी सरकार के रक्षा कॉन्ट्रैक्ट से अपनी नैया बचाने के सपने देख रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि कम्पनी को केंद्र सरकार की ओर से अरबों रुपए का करार मिलने वाला है। वैसे जिस तरह की हालत अभी कम्पनी की है हो सकता है मोदी सरकार अपना कॉन्ट्रैक्ट पीछे कर ले।

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि वक्त के साथ रिलायन्स नेवल के फंडामेंटल्स में कोई बदलाव नहीं आया है। कम्पनी कई परेशानियों से जूझ रही है। अभी शेयर मे आई तेजी की वजह से एक उम्मीद बंधी है। अनिल अम्बानी के लिए खुश खबरी है। रिलायंस का टारगेट सरकार के रक्षा कॉन्ट्रैक्ट पर है। राष्ट्रीय कम्पनी कानून व दिवालिया प्राधिकरण रिलायंस नेवल के विरूद्ध कार्रवाई शुरू करने पर विचार कर रहा है क्योंकि बैंकों ने कम्पनी के कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग से मना कर दिया है।

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