आम आदमी पार्टी ने कहा- नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दें इस्तीफा

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देहरादून॥ उत्तराखंड में सत्तासीन भाजपा सरकार ने उत्तराखंड को लूट का अड्डा बना दिया है। 20 साल के इस युवा प्रदेश को भ्रष्टाचार की चाशनी में लपेटा जा रहा है और इस सब में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आंखें मूंदे बैठे हैं। यह आरोप आम आदमी पार्टी की जिलाध्यक्ष हेमा भंडारी ने जिला कार्यालय पर प्रेस वार्ता के दौरान लगाये।

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गुरुवार को पत्रकारा वार्ता के दौरान उन्होंने प्रदेश के तीन साल की बदहाली पर प्रदेश के मुख्यमंत्री से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेन्स की बात कहने वाली भाजपा और उनके मुख्यमंत्री पर उन्हीं की पार्टी के विधायक बार-बार बोल रहे हैं कि आपके विभाग में भ्रष्टाचार हुआ है और वो सुनने-समझने को तैयार नहीं हैं।

लोहाघाट के भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल खुलेआम मुख्यमंत्री के विभाग में भ्रष्टाचार के साथ त्रिवेन्द्र रावत पर भी आरोप लगा रहे हैं कि वे दोषियों को बचा रहे हैं। भंडारी ने कहा कि एक विधायक के अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर कटघरे में खड़ा करना इस बात की और इंगित करता है कि भ्रष्टाचार सीएम रावत के कार्यकाल में फलफूल रहा है।

उन्होंने कहा कि डीडीहाट से छह बार के विधायक एवम पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुपाल त्रिवेंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं, जिन्हें 15 और विधायकों का समर्थंन मिल रहा है। चुपाल अपनी ही सरकार के खिलाफ आन्दोलनरत हैं और त्रिवेंद्र सरकार पर नौकरशाही हावी होने व भष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचारियों के खेवनहार बने मुख्यमंत्री को तुरंत नैतिकता के आधार पर खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके विधायक पिछले कई दिनों से इनसे शिकायत कर रहे लेकिन मुख्यमंत्री के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से न तो अपने विभाग ही संभल रहे हैं और न ही प्रदेश। पीडब्लूडी तो भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया गया है और सीएम आंख मूंदे बैठे हैं। मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य विभाग भी है और सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का क्या आलम है? ये किसी से नहीं छिपा है। उन्हें उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं रह गया है।

 

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