हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन के बाद विदेशों में अब इस गोली की बढ़ी मांग, हिंदुस्तान करेगा सप्लाई

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न्यूयॉर्क ॥ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा के बाद विदेशों में अब एक और दवा की मांग बढ़ गयी है। दरअसल हिंदुस्तान द्वारा निर्मित पेरासिटामोल अब जल्द ब्रिटिश बाजारों में भी बिकने वाली है। विशेषज्ञों से मानें तो कोरोना से निपटने के लिए इन दवाओं की जरूरत अन्य देशों को पड़ रही है।

आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिका सहित विश्व के दुसरे देशों को भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वाइन दवा की जरुरत पड़ी थी। इस दवा को कई केस में कोरोना संक्रमित मरीज को स्वस्थ्य कर पाने में सफल पाया गया है। फिलहाल, हिंदुस्तान से इसे 55 से अधिक देशों में भेजा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने कहा कि हम हिंदुस्तान सरकार को ब्रिटेन में पेरासिटामोल के 2।8 मिलियन पैकेट के निर्यात की मंजूरी के लिए दिल से धन्यवाद करते हैं। ये दवाएं यहां प्रमुख सुपरमार्केट और खुदरा विक्रेताओं को वितरित की जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा कि कोरोनावायरस सबसे बड़ा खतरा है जिसका हमें मिल कर सामना करना है। इसलिए यह जरूरी है कि हम वैश्विक व्यापार को जारी रखें और एक दूसरे की मदद करें। ब्रिटिश प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार के रोकथाम हेतु हमने भी हिंदुस्तान की तरह लोगों से घर पर रहने की अपील की है। और देश में आंदोलनरत कार्य कर रहे हैं।

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आपको बता दें कि कि पेरासिटामोल एक ऐसी दवा है जो दर्द से राहत देता है। ये बॉडी के तापमान को बढ़ने से रोकता है। हिंदुस्तान में दशकों से डॉक्टर इसी दवा से मरीजों के तेज बुखार को कम करते आए है। इसे 24 घंटे में चार बार से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।

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