नई दिल्ली। भारत को भीख में आजादी मिलने वाले एक्ट्रेस कंगना रनौत के बयान पर अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं। ओवैसी ने अलीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक मोहतरमा को हमारे देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया है, वो मोहतराम इंटरव्यू में कहती हैं कि भारत को साल 2014 में आजादी मिली। उन्होंने कहा ‘अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति इस तरह की बात की होती तो उस पर यूएपीए लगा दिया गया होता और घुटने पर गोली मारकर उसे सलाखों के पीछे डाल दिया जाता।
गौरतलब है कि अपने बयानों की वजह से अक्सर विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बातचीत में कहा था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी और हमें असली आजादी साल 2014 में मिली। कंगना का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसके बाद कंगना ने यह तक कहा था कि अगर कोई यह साबित कर दे कि उन्होंने शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है तो वह अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटा देंगी।
कंगना के इस बयान पर हंगामा हो गया है। इस पर तंज कसते ओवैसी कहते हैं, ‘वह क्वीन हैं और आप किंग लेकिन आप कुछ नहीं करेंगी। बाबा ने इंडिया-पाकिस्तान टी 20 मैच के बाद टिप्पणी करने वालों को देशद्रोह के आरोप में जेल में डालने की धमकी दी थी।’ गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 अक्टूबर को हुए भारत-पाकिस्तान के मैच के बाद पाक की जीत का जश्न मनाने वालों को चेतावनी दी थी।
ओवैसी ने पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सवाल किया है कि ‘क्या वे कंगना रनौत पर देशद्रोह का आरोप लगाएंगे?’ उन्होंने ये भी पूछा कि क्या देशद्रोह सिर्फ मुसलमानों के लिए है? इधर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर कंगना रनौत के बयान को लेकर पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की अपील की है।