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Up kiran,Digital Desk : सोमवार की सुबह राष्ट्रपति भवन में एक भव्य नजारा था। भारत को अपना नया और 53वां प्रधान न्यायाधीश (CJI) मिलने जा रहा था। जस्टिस सूर्य कांत ने ईश्वर को साक्षी मानकर हिंदी में पद की शपथ ली। लेकिन इस रस्मी कार्यक्रम के बीच एक ऐसी घटना हुई, जिसकी चर्चा शायद इतिहास के पन्नों में हमेशा सादगी की मिसाल के तौर पर की जाएगी। यह किस्सा जुड़ा है रिटायर हो रहे CJI बीआर गवई और उनकी सरकारी मर्सिडीज कार से।

मर्सिडीज छोड़ी और प्राइवेट कार से घर गए

आमतौर पर वीआईपी अपनी सरकारी सुविधाओं को आखिरी पल तक छोड़ना नहीं चाहते, लेकिन पूर्व प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने एक नई नजीर पेश की। 23 नवंबर को रिटायर होने के बावजूद, वे सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपनी आधिकारिक मर्सिडीज-बेंज कार से राष्ट्रपति भवन पहुंचे। लेकिन जैसे ही जस्टिस सूर्य कांत ने शपथ ली, जस्टिस गवई ने तुरंत फैसला किया कि यह सरकारी गाड़ी अब नए सीजेआई के हक में है।

सूत्र बताते हैं कि शपथ समारोह खत्म होते ही जस्टिस गवई अपनी सरकारी मर्सिडीज वहीं छोड़ गए। वे वहां से अपनी निजी कार (प्राइवेट व्हीकल) में बैठकर रवाना हुए। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि नए CJI सूर्य कांत तुरंत अपनी नई जिम्मेदारी संभाल सकें और उन्हें आधिकारिक वाहन में सुप्रीम कोर्ट जाने में कोई देरी या दिक्कत न हो। यह एक छोटा सा जेस्चर था, लेकिन इसने वहां मौजूद पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू समेत सबका ध्यान खींचा।

हिंदी में शपथ और 15 महीने का कार्यकाल

जस्टिस सूर्य कांत अब भारत की न्यायपालिका के सबसे बड़े पद पर आसीन हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। जस्टिस सूर्य कांत ने हिंदी भाषा में शपथ लेकर यह संदेश दिया कि वे अपनी जड़ों से जुड़े हैं।

उनका कार्यकाल लगभग 15 महीने का होगा। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र पूरी होने तक इस कुर्सी पर रहेंगे। शपथ लेने के ठीक बाद वे प्रोटोकॉल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिले।

इस ऐतिहासिक मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू, उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री मोदी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत कई हस्तियां मौजूद थीं। पुरानी परंपरा और नए बदलाव के इस संगम में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी बधाई देने पहुंचे। लेकिन महफिल तो पूर्व CJI की सादगी लूट ले गई।