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Up Kiran, Digital Desk: लखनऊ में हाल ही में सामने आई एक चौंकाने वाली घटना ने समाज में पनप रहे हिंसा के बीजों और युवा मानसिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला केवल एक हत्या का नहीं, बल्कि उस लंबे बदले की कहानी का है जो एक युवक के मन में सालों तक पलता रहा और आखिरकार हत्या के रूप में फूटा।

वर्षों तक दबी रही रंजिश, फिर मौत के रूप में निकली बाहर

सोनू कश्यप नामक एक युवक ने अपनी मां के साथ हुए पुराने अपमान को कभी भुलाया नहीं। करीब एक दशक पहले एक मामूली विवाद में मनोज नामक व्यक्ति ने सोनू की मां के साथ बदसलूकी की थी। घटना के बाद मनोज भाग निकला और सोनू के जीवन में सिर्फ एक मिशन रह गया उसे ढूंढकर सजा देना।

सोनू की तलाश ने उसे वर्षों तक लखनऊ की गलियों और बाजारों में भटकने पर मजबूर किया। समय बीतता गया, लोग भूल गए, लेकिन सोनू नहीं भूला।

अपराध में दोस्त भी हुए शामिल, सिर्फ पार्टी के लालच में

इस कहानी को और विचलित करने वाला पहलू यह है कि सोनू अकेला नहीं था। जब उसे पता चला कि मनोज अब नारियल पानी बेच रहा है और मुंशी पुलिया इलाके में दिखाई दिया है, तो उसने अपने कुछ दोस्तों को भी इस "मिशन" में शामिल कर लिया। इन दोस्तों की भागीदारी का कारण हैरान कर देने वाला था — हत्या के बाद उन्हें पार्टी मिलने वाली थी।

सुनियोजित तरीके से दिया वारदात को अंजाम

मनोज को जब अकेला पाया गया, तो उस पर लोहे की रॉड से जानलेवा हमला किया गया। घायल मनोज को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वह बच नहीं सका। हत्या के बाद आरोपी युवकों को लगा कि वे बच निकलेंगे, लेकिन एक सोशल मीडिया पोस्ट ने उनके पत्ते खोल दिए।

सोशल मीडिया बना गिरफ्तारी का कारण

पुलिस को जब सोशल मीडिया पर एक संदिग्ध पोस्ट मिला, तो जांच की सुई सोनू और उसके साथियों तक पहुंची। जांच में शामिल नाम थे — सोनू, रंजीत, आदिल, सलामू और रहमत अली। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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