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भगवंत सिंह मान सरकार ने भंग की गई पंचायतों के वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी है, जिससे गांवों में चल रहे विकास कार्य ठप होने की आशंका है. ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने स्पष्ट कहा है कि वित्तीय लेनदेन पर रोक संबंधी निर्देशों का पालन नहीं करने पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इस फैसले के बाद गांवों में विकास कार्य कराने वाले सरपंच कसूटे फंस गए हैं. नए फैसले के बाद कोई भी ग्राम पंचायत देनदारी नहीं दे सकेगी। बता दें कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने सभी ग्राम पंचायतें, पंचायत समिति और जिला परिषदें भंग कर दी हैं और 31 दिसंबर तक पंचायत संस्थाओं के चुनाव होने हैं.

पंचायत विभाग ने सभी जिला विकास एवं पंचायत अफसरों को पत्र जारी कर आगामी आदेशों तक पंचायत संस्थाओं में सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन पर रोक लगा दी है।

ग्राम पंचायतों को विकास कार्यों के लिए मिलने वाले अनुदान का अब इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इन विघटित पंचायतों को अब 14 अगस्त तक प्रशासकों/प्रशासकों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाना है। प्रशासकों को वित्तीय लेन-देन की इजाजत होगी या नहीं, इस पर आने वाले दिनों में फैसला लिया जाएगा.

 

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