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फिलिस्तीनी संस्था हमास ने इजराइल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। हमास ने इजराइल पर सात हजार रॉकेट दागने का दावा किया है। इस हमले में 40 इजराइली लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 500 से ज़्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। हमास के सैनिक कमांडर मोहम्मद दानिश ने कहा कि ये हमला यरूशलम में अल अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। वही इजराइल पर हमले के बाद पीएम नेतन्याहू ने युद्ध की घोषणा कर दी है। आइए जानते हैं ये पूरा माजरा है क्या।

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। फर्स्ट वर्ल्ड वॉर में ओटोमन सल्तनत की हार के बाद फिलिस्तीन को ब्रिटेन ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इस्रायल का नामोनिशान नहीं था। आज के इजराइल से लेकर वेस्ट बैंक तक के क्षेत्र को फिलिस्तीन क्षेत्र के तौर पर ही जाना जाता था। यहां पर अल्पसंख्यक यहूदी और बहुसंख्यक अरब रहा करते थे।

1947 में दो हिस्सों में बंट गया था फिलिस्तीन

सन् 1947 में यूएन ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया। फिलिस्तीन का एक हिस्सा यहूदियों को मिला और दूसरा अरब समुदाय के लोगों को दिया गया। फिर 14 मई 1948 को यहूदियों ने अपने हिस्से को एक अलग देश घोषित कर दिया, जिसका नाम इजरायल रखा गया। इस फैसले से अरबी कौम नाराज थी, लिहाजा जंग की घोषणा हुई और लाखों फिलिस्तीनी बेघर हो गए।

जंग के बाद पूरे क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांट दिया गया। पुलिस टीम को वेस्ट बैंक और गाजा पटटी का क्षेत्र मिला। गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच भू-मध्यसागरीय तट पर मौजूद है। अभी गाजा पट्टी पर हमास का कब्जा है, जबकि वेस्ट बैंक पर इजरायल ने कब्जा किया हुआ है। इजरायल ने यरूशलम शहर पर भी जंग के दौरान अधिकार पा लिया और शहर के पश्चिमी हिस्से तक अपना विस्तार कर लिया।

इस वजह से होता है विवाद

येरुशलम विश्व की एकमात्र ऐसी जगह है जहां विश्व के तीन बड़े धर्म इस्लाम, ईसाई और यहूदी अपना पवित्र स्थल होने का दावा करते हैं। फिलिस्तीन येरूशलम को राजधानी बनाना चाहता है। इसके अलावा अरब कौम के लोग यरूशलम को पवित्र स्थान मानते हैं क्योंकि यहां अल अक्सा मस्जिद है।

अल अक्सा मस्जिद को मक्का मदीना के बाद इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। 35 एकड़ परिसर में बनी मस्जिद अल अक्सा को मुस्लिम अल हरम अल शरीफ भी कहते हैं। यहूदी इसे टेम्पल टाउन कहते हैं। वही ईसाइयों का मानना है कि ये वही जगह है जहां ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया और यहीं वे अवतरित हुए।

यहां चर्च ऑफ़ द होली स्टेपल कर है। ईसा मसीह का मकबरा इसी के अंदर है। यहूदियों के लिए सबसे पवित्र स्थल डोम ऑफ द रॉक इसी जगह ही मौजूद है। मगर पैगंबर मोहम्मद से जुड़े होने के चलते दो मौजूदा रॉक में मुसलमान भी आस्था रखते हैं। इस जगह को लेकर बरसों से यहूदियों और फिलिस्तीनियों के मध्य विवाद है।

अल अक्सा मस्जिद को लेकर मुस्लिम देशों से इजरायल की लड़ाई 100 बरस से भी ज्यादा पुरानी है। ये पहला मौका नहीं है जब इजरायल और हमास इसके लिए लड़ रहे हैं। सन् 2021 में भी इसराइल और हमास के मध्य 11 दिनों तक जंग चली थी। इस मुद्दे पर बीते 25 साल से शांति वार्ता चल रही है, मगर अब तक कोई सोल्यूशन नहीं निकल सका है।

 

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