अमेरिका में रहने वाले भारतीय वैज्ञानिक ने एक ऐसी तकनीक का इजाद किया है जिससे इंसानों को मरने के बाद भी जिंदा रखा जा सकेगा। आखिर कलियुग में चमत्कार कैसे संभव हो पाएगा? और क्या सचमुच मरने के बाद भी इंसान जिंदा रह सकता है? आईये इस रिपोर्ट को समझते हैं।
आधुनिक युग में जैसे ही अमरता की चर्चा होती है, इसे दिन में खुली आंखों से देखा जाने वाला सपना बताया जाता है और अमरता का लक्ष्य इंसानों के मायावी और असंभव सा बना हुआ है। मगर अमेरिका में रहने वाले एक भारतीय कंप्यूटर साइंटिस्ट ने दावा किया है कि अब मरे हुए लोगों को भी फिर से जिंदा किया जा सकता है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कैसे अमर हो जाएगा इंसान? मौत पर विजय पाकर इंसान कैसे बनेगा? मृत्यु जाए या आत्मा ही नहीं शरीर भी अजर और अमर हो जाएगा।
दरअसल सदियों से ही इंसान अमर होने की चाह में न जाने कितने प्रयास करता रहा है। लेकिन आज तक इंसान के अमर होने का सपना अधूरा ही है। क्योंकि माना यही जाता है कि धरती पर पैदा होने वाले हर जीव की कभी न कभी मृत्यु जरूर होती है। हालांकि इसके बावजूद हर कोई यह जानने में लगा रहता है कि क्या कभी इंसान अमर हो सकता है और अमेरिका में रहने वाले भारतीय वैज्ञानिक डॉक्टर प्रतीक देसाई ऐसे लोगों की उम्मीदों को पूरा करने का दावा कर रहे हैं।
दावे के मुताबिक मरने के बाद अभी भी डिजिटली जिंदा रहेंगे। ढूंढी थ्रीडी होलोग्राम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की मदद से लोगों को दोबारा जिंदा किया जा सकता है। ट्रांस्क्रिप्ट, डेटा, वॉइस सिंथेसिस और वीडियो मॉडल की मदद से ऐसा मुमकिन होने वाला है और साल के आखिर तक मानव चेतना यानी ह्यूमन कॉन्शियस नए कंप्यूटर पर अपलोड हो सकेगी। इसके लिए लोगों से परिवार के बुजुर्ग और प्रिय सदस्यों की आवाज और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कहा गया है, क्योंकि ऐसा करने पर उन्हें कभी खोएंगे नहीं, भले ही उनकी मौत ही क्यों न हो जाए। वह हमेशा डिजिटली जिंदा रहेंगी।
दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी की एआई इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने वाली टेक्नोलॉजी है। लेकिन कहा जा रहा है कि किराए को लेकर अब तक जो हमने देखा है वह सिर्फ इंटीरियर भर है और आने वाले समय में या ऐसे ऐसे चमत्कार करने वाला है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है और उनमें से ही सबसे बड़ा चमत्कार होगा। मरने के बाद भी इंसानों को डिजिटली जिंदा रखना है। बॉलीवुड की कई फिल्मों में ऐसा दिखाया भी गया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और होलोग्राम तकनीक के जरिए मरे हुए इंसान को डिजिटल रूप से फिर से जिंदा किया जा सका है और अब यह हकीकत में संभव हो सका है।
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