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चीन को भारत से डर लग रहा, इसलिए वह भारत की घेराबंदी करने के लिए एक के बाद एक प्लान बना रहा और ऐसी हरकतें कर रहा ताकि भारत उससे उलझ जाए और इस बार चीन ने अपनी यह हरकत की है। हिंद महासागर में दरअसल चीन का एक जासूसी जहाज भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा। इस जहाज के कोलंबो पहुंचने पर श्रीलंकाई नौसेना ने उसका जोरदार स्वागत किया।

ड्रैगन के इस जासूसी जहाज का नाम है यंग फोर। चीन इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी का रिसर्च एंड सर्वे जहाज बताता है। इसका इस्तेमाल समुद्र के नीचे थ्रीडी नक्शा बनाने और पानी के तापमान से लेकर हर एक बारीकी को समझने के लिए किया जाता है। बाद में इस सर्वे शिप से मिले डाटा का इस्तेमाल चीनी नौसैनिक पनडुब्बियां करती हैं।

श्रीलंकाई नौसेना ने इसे लेकर एक बयान जारी कर दिया और कह दिया कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना का युद्धपोत आज सुबह 10:00 बजे 2023 औपचारिकता यात्रा पर कोलंबो बंदरगाह पहुंचा। कोलंबो पहुंचे 129 मीटर लंबे जहाज पर 138 लोगों का दल सवार है और इसकी कमान कमांडर जिनसेन के पास है। इस बीच जहाज 12 अगस्त को श्रीलंका से प्रस्थान करने वाला है। लेकिन इन सबके बीच सवाल खड़ा होता है कि चीन का जहाज आखिर यहां क्या कर रहा? दरअसल इसके पीछे की कहानी बहुत ही खतरनाक है।

दरअसल चीन जानता है कि हिंद महासागर का विश्व के कुल समुद्री व्यापार में 50 फीसदी की हिस्सेदारी है और दूसरी बात यह कि खाड़ी देशों में होने वाले ऊर्जा निर्यात का एक बहुत बड़ा हिस्सा हिंद महासागर से होकर गुजरता है। इसके साथ ही साथ चीन को यह भी मालूम है कि यह वही क्षेत्र है जहां पर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत के कई महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे मौजूद हैं और इसी वजह से चीन लगातार यहां पर अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रहा ताकि वह हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर इन देशों के खिलाफ एक प्रभावी नौसैनिक शक्ति खड़ा कर सके।

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