नैनीताल। पर्सीड उल्कापात के बाद इस सप्ताह आकाश में एक और दुर्लभ खगोलीय घटना (Astronomical Event) होने वाली है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कल यानी 14 अगस्त को शनि ग्रह पृथ्वी के सबसे अधिक निकट होगा। अगर आसमान साफ रहा तो पूरी रात चमकदार शनि बगैर टेलीस्कोप के ही नजर आएगा। इस दौरान यह पृथ्वी के इतना अधिक निकट होगा कि साधारण टेलीस्कोप से भी इसके खूबसूरत छल्लों को देखा जा सकेगा।
पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से आठ गुना
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सूर्य के चारों तरफ अपनी कक्षाओं में घूमते हुए शनि और पृथ्वी 14 अगस्त को एक दूसरे के सर्वाधिक निकट आ जायेंगे। पृथ्वी से शनि की दूरी हर दिन बदलती रहती है क्योंकि दोनों ग्रह पृथक कक्षाओं में रहकर सूर्य की परिक्रमा करते हैं। (Astronomical Event) स दौरान जब ये दोनों ग्रह सूर्य के एक ही ओर की कक्षाओं में आमने सामने सबसे नजदीक आते हैं तो उनके बीच की दूरी लगभग एक अरब बीस करोड़ किलोमीटर होती है जो कि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से आठ गुना अधिक होती है।
जब पृथ्वी और शनि आपस में सूर्य की विपरीत दिशाओं में एक दूसरे से सबसे अधिक दूरी पर पहुंच जाते हैं तो वे एक-दूसरे से लगभग एक अरब 65 करोड़ किमी की दूरी पर होते हैं जो पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से 11 गुना है। वैज्ञानिकों का कहना है कि शनि ग्रह 34000 किमी प्रति घंटे की तीव्र गति से पृथ्वी के 29.5 वर्षों में सूर्य की एक परिक्रमा पूरी करता है। प्रत्येक 378 दिन बाद एक बार शनि और पृथ्वी निकटतम होते हैं।(Astronomical Event)
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