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आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड (Ayurvedic and Unani Tibbi System of Medicine Board) में क्लर्क रहे राजेन्द्र कुमार शुक्ला की आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में लोकायुक्त जांच चल रही है। एडीएम लखनऊ संदीप कुमार गुप्ता प्रकरण की जांच कर रहे हैं। पर अब तक लोकायुक्त संगठन को जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है, जबकि इस सिलसिले में उन्हें दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया था। अब सचिव, लोकायुक्त ने एक बार फिर रिमांइडर भेजकर 10 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि बीते महीने में राजेन्द्र शुक्ला बोर्ड के क्लर्क पद से रिटायर हुए हैं।

शिकायतकर्ता के आरोप के मुताबिक, राजेन्द्र कुमार शुक्ल ने मालापुरम कालोनी लखनऊ में आलीशान मकान बनवाया है। नौकरी के पहले उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। कम समय में ही उन्होंने आय से कई गुना अधिक सम्पत्ति अर्जित कर ली है। उनके पास कई लग्जरी वाहन और बबुरिहा खेड़ा सलेमपुर पतौरा काकोरी में लाखो रुपये का बेशकीमती प्लॉट है। जिस पर निर्माण भी कराया गया है। उन्होंने यह सम्पत्ति अपने बेटे राहुल शुक्ला ने नाम से खरीदी है। राजेन्द्र कुमार शुक्ला ने एक और बेशकीमती प्लॉट अपने दूसरे बेटे धर्मेंद्र शुक्ला के नाम से खरीदी है, जो पुरसेनी मोहनलालगंज में है। लाखो रुपये खर्च करके उस प्लॉट पर भी निर्माण कराया गया है। यह भी आरोप है कि उन्होंने अपने तीनों बेटों को अलग अलग कॉलेजों से एक साथ मेडिकल की पढ़ाई कराई।

शिकायतकर्ता का आरोप है कि तीनों बेटों को एक साथ महंगी शिक्षा दिलाना साधारण व्यक्ति के बस की बात नहीं है। इसके अलावा उनके पास और भी बेशकीमति संपत्तिया हैं। शिकायत पर लोकायुक्त संगठन द्वारा लखनऊ डीएम से जांच आख्या मांगी गई थी। इस सिलसिले में 13 और 23 मार्च को जांच आख्या मांगी गई थी, जो जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसी वजह से लोकायुक्त संगठन की तरफ से अंतिम बार रिमाइ्ंडर भेजकर 10 जुलाई तक जांच आख्या तलब की गई है। 

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