रामपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज सुबह जेल से रिहा हुए आजम खान पूरे लव लश्कर के साथ रामपुर पहुंचे। वहां उन्होंने कहा कि हमारे और हमारे परिवार के साथ जो हुआ उसे भूल नहीं सकते। हमारे शहर को तक उजाड़ दिया गया। उन्होंने ये भी कहा कि मेरा 40 साल का राजनीतिक सफर बेकार नहीं जाएगा। मेरा वक्त फिर लौटकर आएगा। अपने अपनों के बीच पहुंचकर आजम खान ने बताया कि जेल में उन्होंने किस तरह अपना समय बिताया।
उन्होंने कहा रात होती थी तो सुबह और सुबह होती थी तो रात का इंतजार करते थे। मुझे सजायाफ्ता कैदी की तरह जेल में रखा गया था। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि सबसे ज्यादा जुल्म तो मेरे अपनों ने ही मुझ पर ढाये हैं। आजम के इस बयान को अब सीधे तौर पर सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। रामपुर पहुंचे सपा नेता आजम खान आज लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान लोगों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की।
रिहाई के बाद रामपुर जा रहे सपा विधायक आजम खां के काफिले को पुलिस ने शहजादनगर थाना क्षेत्र में रामपुर नगर व बाईपास की ओर जाने वाले मार्ग पर रोक लिया। पुलिस ने उनसे कहा की स्कूलों की छुट्टी व जुमे की नमाज की वजह से उस मगर पर वाहनों की संख्या बढ़ने से जाम लग सकता है। इस मामले को लेकर आजम खां के समर्थकों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। करीब 15 मिनट तक बहस के बाद पुलिस ने आठ-दस गाड़ियों को शहर के अंदर जाने दिया। बाकी की करीब बीस से अधिक गाड़ियों को बाईपास से भेजा गया। आजम के काफिले में 30 से अधिक गाड़ियां थीं।
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में कुल 89 मामले दर्ज किए गए थे। इन सभी मामलों में जमानत होने में करीब सवा दो साल का समय लग गया। बीते सप्ताह हाईकोर्ट से शत्रु संपत्ति मामले में जमानत मिलने और गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से रामपुर पब्लिक स्कूल केस में अंतरिम जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम को ही रामपुर कोर्ट से आजम खां की रिहाई के परवाने सीतापुर जेल प्रशासन के लिए विशेष संदेशवाहक के जरिए भेज दिए गए थे।
इसके बाद शुक्रवार की सुबह आजम खां सीतापुर जेल से रिहा कर दिया गया। इस दौरान उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम और प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव भी उन्हें रिसीव करने सीतापुर जेल पहुंचे। ये सभी जेल से आजम खां के रिहा होने के बाद उनके साथ रामपुर के लिए रवाना हो गए।