
ओमान ।। संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि युद्धग्रस्त यमन बच्चों के लिए जीता-जागता नरक बन गया है। यहां हर साल हजारों बच्चे कुपोषण और उन बीमारियों से मर रहे हैं, जिनका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की बाल एजेंसी यूनिसेफ में दक्षिण एशिया और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्रीय निदेशक गीर्ट कैप्लेयर ने इस महीने के आखिर में होने वाली शांति वार्ता में शामिल होने और संघर्षविराम पर राजी होने का आह्वान किया। गौरतलब है कि यमन में हौथी विद्रोहियों और सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन के बीच युद्ध के चलते देश में हालात बदतर होते जा रहे हैं।
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पत्रकार जमाल खशोगी की मौत के बाद सऊदी अरब से पश्चिमी देशों का समर्थन घटा है। इसके बाद उस पर यमन की लड़ाई से पीछे हटने का बहुत दबाव है। हाल ही में संयुक्त राज्य अमरीका और ब्रिटेन ने यमन में संघर्ष को लेकर विराम की मांग की।
अभी हाल ही में भुखमरी पर पूरी दुनिया का ध्यान खींचने वाली बच्ची अमल हुसैन की मौत हो गई। यह बच्ची बेहद कमजोर पड़ चुकी थी। इस बच्ची की तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हो गई। यमन में सऊदी हवाई हमलों ने अमल के परिवार को तीन साल पहले पहाड़ों में अपने घर से भागने पर मजबूर कर दिया था।
अमल हुसैन की बीमार मां ने उसकी मौत के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका दिल टूट गया है। आखिर भूख से लड़ते लड़ते उनकी बच्ची ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। हाल आई उसकी तस्वीर में भूख की वजह तड़प रही बच्ची के शरीर ने सबको हिला कर रख दिया था। इस कदर कमजोर हो गई थी उसके शरीर की एक-एक हड्डी दिखाई दे रही थी। पिछले हफ्ते मीडिया में आई खबर के बाद दुनिया भर से इस लड़की के लिए सहायता की पेशकश की गई ।