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District Bureau- रामबाबू विश्वकर्मा

बांदा- चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं पंगु हो जाने के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गुरुवार की सुबह साढे़ नौ बजे पैथालाजी का सर्वर धड़ाम हो जाने के कारण जांच प्रक्रिया ठप हो गई। लंबी लाइन लगी होने के कारण हो-हल्ला मचता रहा। बाद में कर्मचारियों ने बताया कि सर्वर ठप है, इसकी वजह से बारकोड जनरेट नहीं हो रहा। मसलन न तो मरीजों की जांच हो सकी और न ही उन्हें उपचार उपलब्ध हो पाया। 
जिला अस्पताल की पैथालाजी में गुरुवार की सुबह साढ़े नौ बजे सर्वर अचानक ठप हो गया। सर्वर के ठप हो जाने के बाद कर्मचारी काफी समय तक इंतजार करते रहे, लेकिन जब जांच प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो मरीजों और उनके तीमारदारों ने शोरशराबा मचाना शुरू कर दिया। बाद में कर्मचारियों ने मरीजों और तीमारदारों को बताया कि सर्वर ठप हो जाने के कारण जांच नहीं हो पा रही है। इधर, पैथालाजी में दिए गए ब्लड सेंपल की जांच न होने की वजह से मरीजों को उपचार भी नहीं मिल पाया। ऐसी हालत में मरीज परेशान नजर आए। कई मरीज ऐसे रहे, जिनका आपरेशन भी होना था, लेकिन सर्वर ठप होने की वजह से न तो जांच हो सकी और न ही आपरेशन ही हो सका। 

पैथालाजी में तैनात कर्मचारी असलम ने बताया कि सुबह नौ बजे सर्वर ठप हो गया था। साढ़े 12 बजे सर्वर शुरू हुआ। उसने बताया कि सर्वर ठप होने की वजह से बारकोड जनरेट नहीं हो पा रहा था। इसकी वजह से जांचें नहीं हो सकीं। सर्वर सही होने के बाद बारकोड जनरेट हुआ, तब कहीं जाकर ब्लड सेंपल की जांच का सिलसिला शुरू हुआ। गौरतलब हो कि लखनऊ की एक कंपनी के द्वारा पैथालाजी में होने वाली जांचों के लिए सर्वर की जिम्मेदार ले रखी है। वहीं से रीचार्ज किया जाता है, तब कहीं जाकर जांच प्रक्रिया शुरू होती बांदा। जिला अस्पताल की पैथालाजी में सर्वर ठप हो जाने के बाद कोई काम नहीं हो पाता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। आए दिन सर्वर की समस्या से कर्मचारी जूझते हैं। नाहक में उन्हें मरीजों और तीमारदारों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है।

जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि लखनऊ की कंपनी के द्वारा ही रीचार्ज किए जाने के बाद सर्वर चालू रहता है।

 

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