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Up Kiran, Digital Desk:क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी माँ, पत्नी या बहन को आपसे ज़्यादा नींद की ज़रूरत क्यों महसूस होती है? या क्यों रात में वे बेचैन दिखती हैं? यह सिर्फ एक एहसास नहीं, बल्कि विज्ञान है! हाल ही में हुए कई शोधों से पता चला है कि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ज़्यादा नींद की ज़रूरत हो सकती है, और इसके पीछे कई दिलचस्प वैज्ञानिक कारण हैं।

तो क्या है साइंस का सच?

दिमाग की ज़्यादा गतिविधि (More Brain Activity): शोध बताते हैं कि महिलाओं का दिमाग दिन भर में पुरुषों की तुलना में ज़्यादा सक्रिय रहता है। महिलाएं अक्सर मल्टीटास्किंग (एक साथ कई काम करना) करती हैं – चाहे वह घर और दफ्तर को संभालना हो, बच्चों की देखभाल करना हो या सामाजिक जिम्मेदारियां निभाना हो। इस ज़्यादा मानसिक गतिविधि के कारण उनके दिमाग को रिकवर होने के लिए ज़्यादा समय और नींद की ज़रूरत होती है।

हार्मोनल बदलाव (Hormonal Fluctuations): महिलाओं के जीवन में हार्मोनल बदलाव बहुत आम हैं – मासिक धर्म चक्र, गर्भावस्था, प्रसव और रजोनिवृत्ति (menopause)। ये हार्मोनल उतार-चढ़ाव उनकी नींद की गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करते हैं, जिससे उन्हें अनिद्रा या बेचैन रातों का अनुभव हो सकता है। शरीर को इन परिवर्तनों से निपटने के लिए अधिक आराम की आवश्यकता होती है।

भावनात्मक और सामाजिक कारक (Emotional & Social Factors): महिलाएं अक्सर भावनात्मक रूप से ज़्यादा संवेदनशील होती हैं और ज़्यादा विचारों को संसाधित करती हैं। तनाव, चिंता और सामाजिक दबाव भी उनकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। इन भावनात्मक बोझ को कम करने के लिए शरीर को अधिक आराम की आवश्यकता होती है।

शारीरिक स्वास्थ्य और दर्द (Physical Health & Pain): कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जो महिलाओं में ज़्यादा आम हैं, जैसे फाइब्रोमायल्जिया या ऑटोइम्यून रोग, नींद में खलल डाल सकती हैं। इसके अलावा, गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाला शारीरिक बदलाव भी नींद को प्रभावित करता है।

परिणाम: बेचैन रातें और नींद की कमी
इन सभी कारकों के चलते, महिलाएं अक्सर पुरुषों की तुलना में ज़्यादा बेचैन रातें बिताती हैं या उन्हें नींद की कमी महसूस हो सकती है। अपर्याप्त नींद से चिड़चिड़ापन, ध्यान केंद्रित करने में कमी, मूड स्विंग्स और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

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